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1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Sun, 16 Jul 2023 09:29:00 PM IST
HAJIPUR: हाजीपुर लोकसभा सीट की दावेदारी को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच संग्राम छिड़ गया है। हाजीपुर पहुंचे पारस चिराग का नाम सुनते ही भड़क गए और पुराने राज को खोल दिया। पारस ने कहा कि उनके बड़े भाई रामविलास पासवान को चिराग पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने उन्हें उत्तराधिकारी बना कर हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की स्थिति उस जानवर जैसी है, जो बीच सड़क पर खड़ा होकर यह निर्णय नहीं कर पाता है कि वह दांय जाए कि बांय जाए। पारस ने कहा कि चिराग एक तरफ खुद को मोदी की हनुमान बताते हैं तो दूसरी तरफ लालू को अपना आदर्श और तेजस्वी को भाई बताते हैं, उनकी स्थिति गजब है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री सह सांसद पशुपति कुमार पारस ने लालगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल होने के लिए केवल चिराग को ही नहीं बल्कि 31 दलों को बुलाया गया है और धीरे-धीरे सभी को पत्र भेजा जा रहा है। चुनावी वर्ष में एनडीए हो या यूपीए सभी अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाह रहे हैं। बैठक में शामिल होने के लिए चिराग को भी बुलाया गया है लेकिन सिर्फ बुलाने से कुछ नहीं होने वाला है। चिराग हाजीपुर से चुनाव लड़ने की डिमांड कर रहे हैं, उस डिमांड का क्या होगा। उन्होंने कहा कि जब रामविलास पासवान जीवित थे, तब उन्होंने चिराग को हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था लेकिन उसने इनकार कर दिया था।
पारस ने कहा कि उस वक्त रामविलास पासवान ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे से ज्यादा भरोसा उनपर है, इसलिए हाजीपुर से चुनाव लड़ने को कहा था और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उनके कहने पर चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री भी बना। चिराग को बताना चाहिए कि वह जमुई क्यों छोड़ना चाह रहे हैं। जिस जमुई की जनता ने सड़क से उठाकर चिराग को नेता बनाया, उस जमुई की जनता से वे विश्वासघात क्यों कर रहे हैं। पारस ने कहा कि जिस चिराग पासवान ने हाजीपुर और बिहार के लोगों के लिए दरवाजा बंद कर दिया था वह आज हाजीपुर के लोगों की बात कर रहे हैं।