चीनी वैज्ञानिक ने किया बड़ा खुलासा, कहा सरकारी लैब में बना कोरोना वायरस

1st Bihar Published by: Updated Mon, 14 Sep 2020 11:02:12 AM IST

चीनी वैज्ञानिक ने किया बड़ा खुलासा, कहा सरकारी लैब में बना कोरोना वायरस

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DESK :   कोरोना वायरस दुनिया में चीन के वुहान शहर से फैला इस बात को सभी जानते है पर इस वायरस का जन्म कहां हुआ इस को लेकर विवाद बना हुआ. अमेरिका और कुछ अन्य देशो ने तो सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस का चीनी के लैब में बनाया गया है. लेकिन अमेरिका के पास इस बात को साबित करने के लिए कोई ठोस साबुत नहीं था. लेकिन अब चीनी वीरोलॉजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान ने भी इस बात को सही ठहराया है.  


डॉ. ली-मेंग यान ने दावा किया है कि नोवल कोरोना वायरस वुहान में सरकार द्वारा नियंत्रित प्रयोगशाला में बनाया गया था और  उसके पास अपने इस दावे को साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण भी है.होंग कोंग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी में विशेषज्ञता प्राप्त डॉ. ली-मेंग ने हाल ही में एक ब्रिटिश टॉक शो "लूज़ वीमेन" पर दिए गए अपने एक इंटरव्यू में ये बात कही है. उन्होंने इस बात को चीन छोड़ने के बाद कहा है. अपनी सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्होंने संयुक्त राज्य में सारण लिया है.     


डॉ. ली-मेंग  ने कहा कि “कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए चीनी सरकार के खिलाफ व्हिसलब्लोअर बनने वाले वीरोलॉजिस्ट को पिछले साल दिसंबर में चीन से निकलने वाले कोरोना-जैसे मामलों का एक समूह बनने का काम सौंपा गया था. हांगकांग में काम करने वाले शीर्ष वैज्ञानिक ने दावा किया कि उन्होंने अपनी जांच के दौरान एक कवर-अप ऑपरेशन की खोज की और कहा कि चीनी सरकार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने से पहले ही वायरस के प्रसार के बारे में पता था.”


डॉ. ली-मेंग के अनुसार उन्होंने दिसंबर के अंत और जनवरी के शुरू में चीन में "न्यू निमोनिया" पर दो शोध किए और अपने सुपरवाइजर के साथ परिणाम साझा किए जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सलाहकार हैं . वह अपने सुपरवाइजर से "चीनी सरकार और डब्ल्यूएचओ की ओर से सही काम" करने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उन्हें तब आश्चर्य हुआ जब चीनी सर्कार ने "चुप्पी बनाए रखने के लिए कहा गया था वरना उसे गायब कर दिया जाएगा".

इस से पहले भी व्हिसलब्लोअर डॉक्टर ली वेनलियांग ने अपने डॉक्टर साथियों को इस महामारी के संभावित प्रकोप के बारे में चेतावनी दी थी. हालांकि चीनी सरकार ने उन पर दबाव बना कर बयान से पीछे हटने को मजबूर कर दिया था. बाद में खबर आई की 34 वर्षीय ली की मौत भी कोरोना से होगी.