PATNA : बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड को लेकर सियासी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। विरोधी दल बीजेपी से लेकर अब सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हो गई है। इसी कड़ी में बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने शराबबंदी कानून को फेल बताया है तो वहीं, सीपीआई (एमएल) ने अब सरकार से एक मांग कर दी है।
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा है कि बिहार में पिछले 6 सालों में 1000 से ज्यादा मौत शराब से हुई है। सिर्फ सारण में ही शराब से 50 मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सारण में पहले भी 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उसी वक्त सरकार अगर एक्टिव होती तो आज इतने लोगों की जान नहीं जाती। सरावगी ने कहा कि हम हमेशा शराबबंदी के पक्ष में हैं। लेकिन शराब मफिया को सत्ता का संरक्ष्ण प्राप्त है। सरकार को सारा काम रोककर इसपर गंभीरता दिखानी चाहिए। ये एक गंभीर मामला है। बिहार में सिर्फ गरीबों को जेल भेजा जा रहा है। सरकार के कथनी और करनी में अंतर है।
वहीं, सीपीआई (एमएल) के विधायक मनोज मंज़िल ने कहा कि भाजपाई साजिश की जांच होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को दस लाख मुआवजा देने की मांग की। मनोज मंज़िल ने कहा कि शराब माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई हो। शराबबंदी कानून सही है लेकिन जिन माफियाओं पर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होती वो बहुत दुखद है। सरकार को इस पर गंभीर होना चाहिए। साथ ही प्रशासन को भी गंभीर होना चाहिए ताकि बिहार में शराब न आ सके।
इसके अलावा सीपीआई (एमएल) के ही विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि बिहार में बुलडोजर राज न चले। इस मामले को लेकर सरकार हाई कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखे ताकि गरीबों की परेशानी कम हो।