सरकार बनने के बाद 25 नवंबर को नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक, बड़े फैसलों की उम्मीद Bihar Minister List: सीएम सहित सभी मंत्रियों के बीच बंट गया विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी की अधिसूचना Bihar News: बिहार में 'कैरावैन' से करिए सैर....एक सितारा होटल जैसी मिलेगी सुविधा, 75 KM के लिए लगेंगे इतने हजार रू,जानें.... मिथिला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में हंगामा: भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्रों का उग्र प्रदर्शन, कई हिरासत में बिहार में गुड़ उद्योग को बढ़ावा: सरकार दे रही 1 करोड़ तक का अनुदान, 25 नवंबर तक करें आवेदन Bihar News : दो दशक बाद CM नीतीश के हाथ से निकला 'गृह विभाग', भाजपा के 'सम्राट' करेंगे क्राइम-कंट्रोल...स्थापित करेंगे कानून का राज 5 में से सिर्फ 3 टिकट ही कंफर्म हो तो बाकी सदस्य कैसे करेंगे यात्रा? जानिये रेलवे के नए नियम मैं फिर से जी गया: बेटे को मंत्री बनाने को लेकर उठे सवाल पर बोले कुशवाहा, दीपक उम्मीदों पर खरा उतरेगा Bihar ministers department : नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों को अलॉट हुआ विभाग, सम्राट चौधरी को मिला गृह विभाग, जानिए किन्हें कौन सा मिला डिपार्टमेंट? अचानक राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्रियों के विभागों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 01 Sep 2023 01:12:54 PM IST
- फ़ोटो
RANCHI/PATNA: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से जुड़े 36.60 करोड़ रुपए अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए 36 अभियुक्तों को शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष जज विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सभी 36 दोषियों को 4-4 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों के ऊपर 3 लाख से लेकर 1 करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया है।
दरअसल, चारा घोटाला मामले में आरोपियों की सबसे ज्यादा संख्या डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में ही है। इससे पूर्व चाईबासा, देवघर और दुमका मामले में फैसला सुनाया जा चुका है। इस मामले में 124 आरोपियों में लालू यादव का नाम शामिल नहीं है, क्योंकि इस मामले में लालू यादव को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। 28 अगस्त को कोर्ट ने 124 आरोपियों में से 52 आपूर्तिकर्ता दोषी करार दिया था जबकि 35 लोगों को ने बरी कर दिया था।
सीबीआई की तरफ से चारा घोटाला में 66 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें छह मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को भी अभियुक्त बनाया गया था। वहीं अन्य सभी मामलों में कई पशु चिकित्सक के साथ-साथ सीनियर आईएएस अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। चारा घोटाला 90 के दशक का देश के सबसे बड़े घोटाले के रूप में देखा जाता है। लालू यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यह घोटाला हुआ था, जिसकी राशि करीब 950 करोड़ बताई गई थी।
इस मामले के 36 दोषियों में 8 अभियुक्त लोक सेवक और 28 अभियुक्त आपूर्तिकर्ता हैं। बहुचर्चित चारा घोटाले के मामले में दोषी करार 36 अभियुक्तों को अदालत ने चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी अभियुक्त पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने जुर्माना के तौर पर न्यूनतम 3 लाख और अधिकतम 1 करोड रुपए की सजा सुनाई है। अदालत में डॉ. गौरी शंकर प्रसाद पर एक करोड़ रूपया का जुर्माना लगाया है।
सजा पाने वाले 36 दोषियों में नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ. जुनुल भेंगराज, डॉ. के.एम. प्रसाद, डॉ. राधा रमण सहाय, डॉ. गौरीशंकर प्रसाद, डॉ. रवींद्र कुमार सिंह, डॉ.फणींद्र कुमार त्रिपाठी, आपूर्तिकर्ता महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, डॉ. बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सिन्हा, राजन मेहता, रविनंदन कुमार सिन्हा उर्फ रवि कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, मो सईद, मो. तौहिद, संजय कुमार, रामाशंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, डॉ. अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिंह, मोहिंद्र सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, मदन मोहन पाठक और प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार शामिल हैं।