PATNA : बिहार में शराबबंदी फेल है, नीतीश से बिहार नहीं संभल रहा है, नीतीश कुमार इस्तीफा दो. छपरा जहरीली शराब के मृतक को मुआबजा दो। दरअसल, यह बातें हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले तीन दिनों से बिहार की राजनीति इसी के इर्द- गिर्द चल रही है। बिहार में सत्ता की गलियारों में सबसे अधिक यही नारा लगाया जा रहा है। बात करें इसके मुख्य वजह की तो शराबबंदी वाले राज्य में छपरा जिले मेंजहरीली शराब के कारण अबतक 57 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाबजूद राज्य के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि, जो पिएगा वो मरेगा। अब इसी मामले में लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के इस बयान पर सवाल खड़ा किया है।
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि, इसको मौत कहना सबसे पहले बंद करना चाहिए। यदि किसी को जहर देकर मारते हैं तो वह हत्या होती है न की मौत। बिहार में जबसे नीतीश कुमार राजद के साथ गए हैं तबसे लगातार इस तरह की हत्या हो रही है। ऐसे में सब बड़ा सवाल यह है कि, इसका जिम्मेवार कौन हैं, किसी को तो इसकी जबाबदेही लेनी चाहिए। नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं और शराबबंदी को लेकर सबसे अधिक सगज होते हैं। इसके बाबजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या इसी तरह लोग मरते रहेंगे। इसके इस रबैया के कारण ही बिहार की यह हालत हो रही है।
उसके आगे उन्होंने कहा कि, बिहार में नीतीश कुमार का शराबबंदी कानून विफल है और इनके इसी कानून के कारण यह सब मामला सामने आ रहा है। इसके बाबजूद वो अगर इस तरह का बयान देंगे तो वो दिन दूर नहीं जब बिहार के लोग इनको सत्ता से बेदखल कर देंगे। सीएम बोलते हैं जो पीएगा वो मरेगा और जो पिलायेगा उसको सीएम संरक्षण देंगे। आजतक एक भी गिरोह को सीएम ने नहीं पकड़ा है।
इसके आलावा उन्होंने कहा कि, हमलोग यह कभी भी नहीं कहते कि शराबबंदी गलत हैं, बल्कि इसका सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है, इसी कारण हमलोग इसके समीक्षा की मांग कर रहे हैं। इनका एक भी कानून धरातल पर नहीं दीखता है। हद तो यह है कि, 8 मौत बिहार के मंत्री और सत्ता में बैठे हुए लोगों को छिट- पुट घटना लगाती है। अब इतनी बड़ी घटना हो गई है तो खुद सीएम इस तरह का बयान देते हैं। आखिकार बिहार के मुख्यमंत्री कितनी मौतों का इन्तजार करंगे। इसके इस तरह के निर्णय के कारण वह दिन दूर नहीं जब इनकी पार्टी के नाम लेने वाला कोई नहीं रहेगा।
गौरतलब हो कि, 15 दिसंबर, 2022 को छपरा क्षेत्र के महरौरा अनुमंडल के मशरख, ईशुआपुर और अमनौर थाना क्षेत्र के तीन गांवों में जहरीली शराब पिने से 57 लोगों की मौत की सुचना मिली है। इसको लेकर यह आरोप लगाया जा रहा है कि, थाने में जो स्प्रिट जब्त करके रखे गये थे, उसे बेच दिया गया और उससे ही ये जहरीली शराब बनी थी। ग्रामीणों ने उत्पाद विभाग को वीडियो भेजा है जिसमें थाने में पड़े जब्त स्प्रिट के ड्रम के ढक्कन खुले थे और स्प्रिट अंदर से गायब थे। इस शिकायत के बाद कई वरीय अधिकारी भी जांच के लिए थाने पहुंचे और थाने में रखी जब्त शराब और स्प्रिट का सैंपल लिया गया।