PATNA : बिहार कि राजनीति में इन दिनों छपरा में हुई जहरीली शराब से मौत के इर्द-गिर्द घूम रही है। विपक्ष के तमाम राजनीतिक दलों द्वारा इसको लेकर बिहार कि सरकार को कठघरे में उतारने की कोशिश कि जा रही है। इस मामले को लेकर सड़क से सदन तक हंगामा किया जा रहा है। इधर, इस पूरे मामले को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के कोई भी नेता इस मसले पर कुछ भी बोलने को तेयार नहीं है। हालांकि, खुद सीएम इसको लेकर साफ़ तौर पर कह चुकें हैं कि, ' जो पिएगा वो मरेगा'। इसके बाद अब इस पुरे मामले को लेकर आज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना ने बिहार सरकार से शराबबंदी कानून वापस लेना की मांग की है।
दरअसल, छपरा में जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर पार्टी ने आज पटना में महाधरना दिया, साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा है। जिसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज सहित पार्टी एवं दलित सेना के राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता शामिल रहे। इस दौरान पार्टी के तरफ से छपरा कांड में के परिजनों को मुआवजा देने कि मांग रखी है। इसके साथ ही बिहार राज्य की गिरती विधि-व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़ा किया गया है।
इस पुरे मामले को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज ने कहा कि, बिहार में दलित विरोधी सरकार कार्य कर रही है बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत मौत के बाद दलित विरोधी बयान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे रहे हैं। राज्य सरकार से शराबबंदी कानून संभल नहीं रहा है, जिस वजह से ही शराबबंदी कानून को वापस लेना चाहिए। बिहार की सत्ता की बागडोर भी मुख्यमंत्री से नहीं संभाल रही है, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।