छपरा कांड में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की लापरवाही आई सामने, 26 शवों का हो रहा पोस्टमॉर्टम

छपरा कांड में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की लापरवाही आई सामने, 26 शवों का हो रहा पोस्टमॉर्टम

SARAN : शराबबंदी वाले राज्य बिहार में जहरीली शराब के कारण पिछले 24 घंटों में अबतक 39 लोगों की जान जा चुकी है। जिसके बाद पुरे इलाके में दहशत का मौहाल कायम है। इसको लेकर छपरा से सदर अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि यहां की वतर्मान स्थिति कोरोना  से भी अधिक भयावह है। वहीं, अब इस पुरे मामले को लेकर सारण के डीएम और एसपी ने संयुक्त रूप से जानकारी साझा की है। 


सारण जिला शराब कांड को लेकर डीएम सारण ने प्रशासनिक स्थिति और आंकड़ो को सामने रखते हुए कहा है कि सदर अस्पताल छपरा में कुल 17 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है और नौ और शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है यानी कुल 26 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, इस मामले में मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इंद्रजीत बैठा की लापरवाही सामने आई और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ उनके स्थानांतरण की अनुशंसा की गई है। जबकि, मशरक थानाध्यक्ष रितेश कुमार मिश्रा और चौकीदार विकेश तिवारी को कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।


वहीं इस मामले को लेकर एसपी सारण संतोष कुमार ने बताया कि, इस मामले से जुड़े चार संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है और इनपर इसुआपुर और मशरक थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही इस मामले में एसआईटी का गठन कर  उद्भेदन की जिम्मेवारी एएसपी सह एसडीपीओ सोनपुर अंजनी कुमार को सौंपी गई है। एसआईटी में 03 पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी और 31 पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।


गौरतलब हो कि, बिहार के छपरा जिले में सोमवार देर शाम जहरली शराब के सेवन से कुछ लोग बीमार हो गए जिन्हें इलाज के लिए आनन- फानन में सदर अस्पातल में भर्ती करवाया गया। जिसके बाद इलाज के दौरान मंगलवार देर रात तक 39 लोगों की मौत हो गई। इसमें से सबसे अधिक मरने वाले मशरख इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं।