चंद्रेशखर को तेजस्वी का समर्थन ? डिप्टी सीएम ने कहा-मंत्री विवादास्पद बात नहीं करें, लेकिन मीडिया उनके बयान को क्यों चला रहा है

चंद्रेशखर को तेजस्वी का समर्थन ? डिप्टी सीएम ने कहा-मंत्री विवादास्पद बात नहीं करें, लेकिन मीडिया उनके बयान को क्यों चला रहा है

PATNA: हिन्दुओं के सबसे पवित्र ग्रंथ माने जाने वाले रामचरित मानस को पोटेशियम साइनाइड बताने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को क्या अपनी पार्टी के आलाकमान का समर्थन मिला हुआ है. राजद के राजकुमार तेजस्वी यादव के बयान से यही झलका. दिल्ली से आज पटना पहुंचे तेजस्वी यादव से जब मीडिया ने पूछा कि शिक्षा मंत्री क्या बोल रहे हैं. तेजस्वी ने कहा-मंत्री को विवादास्पद बात नहीं करना चाहिये लेकिन मीडिया उनके बयान को क्यों दिखा रहा है. मीडिया को ये दिखाना चाहिये कि केंद्र सरकार नौकरी नहीं दे रही है और बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में कितना अच्छा काम हो रहा है.


बता दें कि कल ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिन्दी दिवस के कार्यक्रम में रामचरित मानस को पोटेशियम साइनाइड करार दिया था. चंद्रशेखर ने ऐसा पहली बार नहीं कहा है. शिक्षा मंत्री बनने के बाद अपने हर सरकारी कार्यक्रम में वे रामचरित मानस और हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलते रहे हैं. इससे पहले तेजस्वी यादव और जगदानंद ने उनका खुल कर समर्थन किया था. लेकिन पोटेशियम साइनाइड वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है.


क्या बोले तेजस्वी

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज चार दिनों के बाद दिल्ली से पटना वापस लौटे. एयरपोर्ट पर ही मीडिया ने पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री के बयान को उनका समर्थन हासिल है. तेजस्वी ने कहा-हम संविधान को मानने वाले हैं औऱ सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. मंत्री जी को अपने विभागों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये.


मीडिया क्यों दिखा रहा है शिक्षा मंत्री का बयान

मंत्री को विभाग पर ध्यान देने की नसीहत के तुरंत बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया को नसीहत देनी शुरू की. तेजस्वी बोले-मीडिया नकारात्मक बात पर क्यों चर्चा कर रही है. शिक्षा विभाग में देश भर में इतनी बहाली नहीं निकाली गयी, नौकरी नहीं दी गयी, उस पर तो चर्चा नहीं हो रही है. मेनस्ट्रीम मीडिया या नेशनल मीडिया में क्यों नहीं चर्चा हो रही है. बिहार में सारे शिक्षक स्कूल जाने लगे हैं, इस पर चर्चा नहीं हो रही है. इन विषय पर चर्चा होनी चाहिये. मीडिया नकारात्मक बातें क्यों दिखा रहा है.


तेजस्वी ने कहा कि लोगों को शिक्षा मिलेगी तो वे खुद तय कर लेंगे कि क्या सही है और क्या गलत है. हम लोग संविधान को मानने वाले हैं और हमको लगता है कि ऐसी बातें नहीं करनी चाहिये और इनको इग्नोर करना चाहिये.