चाचा ने भतीजे को दिया खुला चैलेंज, हाजीपुर से मैं और मेरे खिलाफ चिराग लड़ेगा चुनाव..जनता करेगी फैसला

चाचा ने भतीजे को दिया खुला चैलेंज, हाजीपुर से मैं और मेरे खिलाफ चिराग लड़ेगा चुनाव..जनता करेगी फैसला

HAJIPUR: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे और जमुई सांसद चिराग पासवान पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि हाजीपुर से चुनाव लड़ने के अब हमने बना लिया है अब उनके खिलाफ चिराग आए या फिर उनकी मां कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता सर्वोपरि है हाजीपुर की जनता ही फैसला लेगी। यूं कहे की चाचा ने भतीजे को खुला चैलेंज दिया है।


केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हाजीपुर के सर्किट हाउस पर अपने कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। जहां सबसे पहले चिराग पासवान द्वारा स्थापित रामविलास पासवान के मूर्ति पर उन्होंने माल्यार्पण किया। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान के संबंध में यह भी कहा कि हम तीनों भाई काफी खुशहाल से जिन्दगी जी रहे थे। आज क्या कारण है कि बड़े भईया और छोटा भाई के निधन के बाद मुझे अकेले आउट कर दिया गया।


पशुपति ने कहा कि परिवार, दल और दिल तीनों टूट गया है जितनी संपत्ति थी उसका भी बंदरबांट कर लिया गया है। दोनों भाई नहीं हैं तो क्या समझ कर मुझे आउट किया गया? पशुपति ने कहा कि क्या हम चोर थे या बेईमान थे जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से हटा दिया गया। चिराग पासवान ने हमारे दल को तो तोड़ा ही है दिल भी तोड़ दिया है। दल टूट कर जुड़ सकता है लेकिन दिल नहीं जुड़ सकता। 


पशुपति पारस ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि जब बड़े भाई रामविलास पासवान जी का देहांत हुआ था और उनका पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा था तब उनकी पहली पत्नी को उनसे मिलने तक नहीं दिया गया था। पहली पत्नी को क्यों नहीं मिलने दिया गया। यही नहीं उनकी बेटी और दामाद को भी मिलने से रोका गया था। पशुपति ने कहा कि जरा चिराग से पूछिए कि उस वक्त बहन और मां नहीं थी जो आज सबके सामने कहते हैं कि मां और बहन है। यह बात पहले क्यों नहीं समझ में आई। 


पशुपति पारस ने मीडिया को बताया कि पहली मां के बारे में चिराग कहता था कि उसका शरीर महकता है इसके साथ नहीं बैठेंगे। उन लोगों को सर्वेंट क्वाटर में रखता था। अब जरा चिराग से पूछिए की हम जो बात कह रहे हैं वो क्या गलत है? खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे से नहीं होता है। हाजीपुर से हम चुनाव लड़ेंगे और मेरे खिलाफ चिराग लड़ेंगा। बाकि सबकुछ हम जनता पर छोड़ दिये हैं। हाजीपुर की जनता सब जानती है वह उचित फैसला लेगी।