CBI की बड़ी कार्रवाई : रेलवे के सेक्शन इंजीनियर को रंगे हाथ घुस लेते किया अरेस्ट; ग्वालियर से हुई थी शिकायत

 CBI की बड़ी कार्रवाई : रेलवे के सेक्शन इंजीनियर को रंगे हाथ घुस लेते किया अरेस्ट; ग्वालियर से हुई थी शिकायत

SAMSTIPUR : बिहार के समस्तीपुर में सीबीआई ने रेलवे के एक घूसखोर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित यांत्रिक कारखाना में छापेमारी कर रिश्वत लेने के आरोप में सीनियर सेक्शन इंजीनियर मंटू कुमार को गिरफ्तार किया है। कारखाना गेट के पास ही सीबीआई की सात सदस्यीय टीम ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर को रंगे हाथों दबोच लिया। मंटू कारखाना में मिल राइट सेक्शन में कार्यरत हैं। पूछताछ के बाद सीबीआई उसे अपने साथ ले गई। हालांकि, घूस की राशि का पता नहीं चल सका।


जानकारी के मुताबिक, समस्तीपुर रेलवे यांत्रिक कारखाना में ग्वालियर की एक कंपनी ने वैगन निर्माण से संबंधित एक बोल्ट मशीन को छह माह पूर्व इंस्टॉल किया था। करोड़ों की इस मशीन का बिल लंबे समय से कारखाना में लंबित चल रहा था। रेलवे सूत्रों के अनुसार ग्वालियर की कंपनी ने घूस मांगे जाने की शिकायत सीबीआई से कर दी थी। कंपनी ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर मंटू कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।


 ग्वालियर की कंपनी से मिली शिकायत के आधार पर सीबीआई की टीम रेलवे यांत्रिक कारखाना पहुंची थी। यहां से सीनियर सेक्शन इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि उसके पास से घूस की राशि भी बरामद की गई है। कितनी राशि बरामद हुई है और इंजीनियर कंपनी से कितने रुपए की मांग कर रहा था, इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। कारखाना के अधिकारी का कहना है कि सीबीआई की टीम अचानक पहुंची और मंटू को अपने साथ ले गई। उसे किस कारण से ले गई है, इसके बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई है।


मालूम हो कि, इससे पहले भी सीबीआई की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में समस्तीपुर रेलवे मंडल के सीनियर डीसीएम रूपेश कुमार को भी ट्रैप किया था, जिसके पास से करीब 5 लाख रुपये की रिकवरी भी की गई थी। उस घटना के बाद सीबीआई की यह दूसरी कार्रवाई समस्तीपुर रेलवे मंडल में हुई है।


उधर,  घटना के बारे में पूछे जाने पर समस्तीपुर रेलवे मंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई यांत्रिक कारखाना में हुई है, लेकिन मंटू कुमार को किस कारण गिरफ्तार किया गया या उन पर क्या-क्या आरोप हैं या उनके पास से कितनी राशि रिकवर हुई है- इस बारे में आधिकारिक तौर पर अब तक कोई भी जानकारी सीबीआई द्वारा रेलवे को उपलब्ध नहीं कराई गई है। रेलवे अपने स्तर से भी इस मामले को देख रहा है।