PATNA : राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने नई आरक्षण नीति को मंजूरी दे दी है। अब हस्ताक्षर कर विधेयक को सरकार के पास लौटा दिया है। उसके बाद आरक्षण विधेयक को राज्यपाल के स्तर से मंजूरी मिलने के बाद गैजेट जारी कर दिया गया। ऐसे में अब सभी सरकारी नौकरियों और सभी नामांकन प्रक्रियाओं में आरक्षित वर्ग के लोगों को 65 फीसदी तथा 10 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण मिलेगा। ऐसे में अब इस आरक्षण बढ़ने के मामले को लेकर जीतन राम मांझी ने बड़ा हमला बोला है।
जीतन राम मांझी ने सोशल मिडिया पर नीतीश सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि - बिहार में आरक्षण बढाने के बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई।उम्मीद है आज ही CM नीतीश कुमार वर्तमान राज्यमंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति के आबादी के अनुरूप नए मंत्रिपरिषद का गठन करेंगें। “जिसकी जितनी संख्या भारी मिलेगी उसको उतनी हिस्सेदारी,सभी जातियो को मिलेगी सरकार में जिम्मेदारी।”
मालूम हो कि, नई आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जाति (एससी) के लिए मौजूदा 16% की बजाय 20% आरक्षण, एसटी के लिए 1% की बजाय 2%, पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए 12% की बजाय 18% और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 18 फीसदी की बजाय 25% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पिछड़ी जाति की महिलाओं को दिया जाने वाला 3 फीसदी आरक्षण को उसी वर्ग के आरक्षण में समाहित कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पहले की तरह 10 फीसदी आरक्षण मिलता रहेगा।
वहीं, इसको लेकर जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार कह चुके हैं कि जैसा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है, पार्टी के वरिष्ठ नेता एक साथ मिलेंगे और जनता तक पहुंचने के तौर-तरीकों पर जोर देंगे और उन्हें आरक्षण में वृद्धि के लाभों के बारे में बताएंगे और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उनका समर्थन मांगेंगे।
उधर, इससे पहले हाल ही में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने अन्य तीन विधेयकों में बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 और बिहार विनियोग विधेयक 2023 को मंजूरी दी थी। जिन पर राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद गजट प्रकाशित कर दिया था।