PATNA : बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के बनारपुर में दिखा पुलिस का आमानवीय चेहरा देखने को मिला। यहां घर में घुसकर पुलिस ने 12 बजे रात में सो रहे किसानों पर लाठियां बरसाई है। जिसके बाद इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा जमकर हंगामा मचाया जा रहा है। उग्र भीड़ द्वारा पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। वहीं, अब इसको लेकर जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े ही अनोखे अंदाज में उन्होंने इसका जवाब दिया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, मुझे बक्सर की घटना को लकेर कोई भी जानकारी नहीं है। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अभी ही इसके बारे में जानकारी मिली है अब हम इस मामले के बारे में जानकारी लेंगे की आखिर यह मामला क्या है। यदि वहां मुआवजे की मांग को लेकर यह सबकुछ हो रहा है तो हमलोग उसे दिखवायंगे की वहां समस्या क्या है और उसके बाद ही इसपर कोई निर्णय लिया जाएगा।
इसके आलावा तेजस्वी ने जाती गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर कहा कि, इसको लेकर जो कहा जा रहा है कि यह गणना गलत है तो मुझे यह समझ में नहीं आता की यह कहां से गलत है। यह तो जाती आधारित गणना है और भारत सरकार जनगणना करवा सकती है और राज्य सरकार नहीं करवा सकती है इसलिए तो इसमें जनगणना नहीं करवाया जा रहा बल्कि बल्कि जाती आधारित गणना करवायी जा रही है। यह तो सभी लोगों के लिए किया जा रहा है। जबतक हमारे पास डाटा नहीं रहेगा तब तक लोगों को अधिक से अधिक लाभ कैसे होगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, इस गणना को लेकर तो सभी दलों द्वारा सहमति से निर्णय लिया गया था। लोगों को यह समझना चाहिए की यह जनगणना नहीं बल्कि सिर्फ गणना है। बिहार विधानसभा में दो-दो बार यह प्रस्ताव पारित हुआ है। राज्य सरकार इसको लेकर केंद्र के पास भी गई। लेकिन वहां से कुछ पॉजिटिव नहीं मिलने के बाद अब राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
तेजस्वी ने कहा कि, यदि यह गलत है तो जो केंद्र सरकार द्वारा जो अन्य लोगों की गिनती होती है तो वह भी गलत हो सकती है। फिर हिन्दू या मुसलमान की गिनती क्या हो सकती है। पिछड़ा और अतिपिछड़ा की गिनती क्यों होती है। जानवर की गिनती क्यों होती है, मतलब यह तो साफ़ है की जो भी गिनती होती है वह गलत है। इसलिए यह सबकुछ बेकार की बातें हैं हमलोग का एक ही मकसद है जमीनी हकीकत को जानना और उसके अनुरूप लोगों की मदद करना।
गौरतलब हो कि, बीते कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि, बिहार सरकार न सिर्फ भारतीय संविधान का उल्लंघन कर जातिगत जनगणना करा रही है बल्कि जातीय दुर्भावना पैदा करने की भी कोशिश कर रही है। इस याचिका के तहत सुप्रीम कोर्ट से बिहार के जातिगत जनगणना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गयी है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की है।