Bihar Election 2025 : पवन सिंह की रैली में उमड़ी भीड़, पंडाल गिरा; टली बड़ी दुर्घटना Train News: दो-चार-छह घंटे नहीं बल्कि ढाई दिन की देरी से खुली बिहार जाने वाली यह ट्रेन, यात्रियों ने रेलवे को खूब कोसा Train News: दो-चार-छह घंटे नहीं बल्कि ढाई दिन की देरी से खुली बिहार जाने वाली यह ट्रेन, यात्रियों ने रेलवे को खूब कोसा India Post Payment Bank : रातोंरात करोड़पति बना मैट्रिक का छात्र, किसान के बेटे के खाते में आए 21 करोड़ रुपये; जानिए क्या है पूरा मामला Bihar Election 2025: दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रशासन अलर्ट, इन विधानसभा क्षेत्रों में सशस्त्र घुड़सवार दस्ते से होगी निगरानी देश में बड़ा आतंकी हमला नाकाम, गुजरात ATS ने ISIS के 3 आतंकवादियों को किया गिरफ्तार UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025 : सासाराम में बोले अमित शाह – जरा सी गलती हुई तो लौट आएगा जंगल राज, सोनाचूर चावल को GI टैग, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का वादा किशनगंज में राहुल गांधी की सभा: चुनाव आयोग और PM मोदी पर साधा निशाना, कहा..मेरे हाइड्रोजन बम पर बोलती क्यों बंद है?
1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Sep 2021 04:18:02 PM IST
- फ़ोटो
DESK: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ब्यूरोक्रेसी वाले बयान ने अब तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है। जिसके बाद उमा भारती ने अपने ब्यूरोक्रेसी वाले विवादित बयान पर एक बार फिर सफाई दी है। उमा भारती ने कहा कि सरकार बदलने के बाद अधिकारियों का बोलना, मिलना, चलना, तरीका सब बदल जाता है। जब तक सरकार होती है तब तक प्रशासनिक अधिकारी नौकर की तरह आगे पीछे घूमते हैं। उमा भारती ने इसे लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का एक किस्सा भी सुनाया।
उमा भारती ने कहा कि साल 2000 में जब केंद्र में अटल जी की सरकार थी उस वक्त वे पर्यटन मंत्री थीं। तब बिहार में वहां की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके पति लालू यादव जी के साथ मेरा पटना से बोधगया हेलिकॉप्टर से जाने का दौरा हुआ था। हेलिकॉप्टर में हमारे सामने की सीट पर बिहार के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी भी बैठे हुए थे। लालू यादव जी ने मेरे ही सामने अपने पीकदान में ही थूका और उस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के हाथ में थमाकर उसको खिड़की के बगल में नीचे रखने को कहा। उस अधिकारी ने ऐसा ही किया।
उमा भारती ने ट्विटर पर लिखते हुए यह भी कहा कि इसलिए 2005-06 में जब मुझे बिहार का प्रभारी बनाया गया और बिहार के पिछड़ेपन के साथ मैंने पीकदान को भी मुद्दा बनाया। पूरे बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों से यह अपील की थी कि आज आप इनका पीकदान उठाते हो, कल हमारा भी उठाना पड़ेगा। अपनी गरिमा को ध्यान में रखें और पीकदान की जगह फाइल और कलमदान से चलें।
उमा भारती ने ट्वीट कर यह भी कहा कि आप शासन के अधिकारी हैं किसी राजनीतिक दल के घरेलू नौकर नहीं हैं, देश के विकास एवं स्वस्थ लोकतंत्र के लिए तथा गरीब आदमी तक पहुंचने के लिये आप इस जगह पर बैठे हैं। इस पर ध्यान रखिये। मैं देश की सभी पुराने एवं नये ब्यूरोक्रेसी से यह अपील करूंगी कि आपको अपने पूर्वजों, माता पिता, ईश्वर की कृपा एवं अपनी योग्यता से यह स्थान मिला है। भ्रष्ट अफसर एवं निक्कमे सत्तारूढ़ नेताओं के गठजोड़ से हमेशा दूर रहिये।
उमा भारती ने अपने ट्वीट में बिहार में सत्ता परिवर्तन सहित अन्य बातों का भी वर्णन किया है। जिसके बाद उनके इस बयान पर सियासत तेज हो गयी है। उमा भारती ने अपने दिए गये बयान पर खेद भी जताया है। उमा भारती ने फिर ट्वीट करते हुए लिखा कि ब्यूरोक्रेसी पर असंयत भाषा पर उन्हें आत्मग्लानि हुई है लेकिन उनके भाव बिल्कुल सही थे। हर प्रकार के अधिकारियों से वास्ता पड़ा।
किंतु ईमानदार और नियम पालन करने में पूरे देश खासकर मध्यप्रदेश के ब्यूरोक्रेट की व्यवहारिक संगत मिली। उनके प्रति सम्मान की अमिट छाप उनके मन में है। ब्यूरोक्रेसी पर कहा कि असंयत भाषा पर मैंने आत्मग्लानि अनुभव की और उसे व्यक्त भी किया। लेकिन मेरे भाव बिलकुल सही थे।
वही बीजेपी नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए विवादित बयान पर यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कांग्रेस नेता व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि मैं आगे से अपनी भाषा सुधार लूंगी। उन्होंने दिग्विजय को भी ऐसा करने की सलाह देकर कहा है कि आप भी ऐसा कर सकें तो कर लें।