DESK: 01 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। अगली सुनवाई तक देश में किसी के घर पर बुलडोजर नहीं चलेगा। हालांकि कोर्ट के आदेश में सड़कों, फुटपाथों और रेलवे लाइन के अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं हैं। बुलडोजर पर ब्रेक लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव गदगद हैं। उन्होंने बधाई देते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमेशा के लिए बुलडोजर एक्शन को बंद कर देना चाहिए। यह लोकतंत्र है और यहां बुलडोजर से न्याय नहीं हो सकता। बुलडोजर और एसटीएफ में ज्यादा अंतर नहीं है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि..'न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र का दुरुपयोग करनेवालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है। आज बुलडोज़र के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोज़र को अपना प्रतीक बना लिया था। अब न बुलडोज़र चल पायेगा, न उसको चलवानेवाले। दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोज़री सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है। अब क्या वो बुलडोज़र का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि सरकार लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवा रही है यह संविधान के खिलाफ है। बुलडोजर से न्याय नहीं मिल सकता है। लोकतंत्र में बुलडोजर न्याय का प्रतीक नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसी कई वारदातें हुई है जिस पर यदि न्यायालय विचार करे तो सरकार के ही खिलाफ ही कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश की सरकार ने लोगों को डराने के लिए जान बूझकर बुलडोजर का सहारा लिया है। लोगों के घर को गिराने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया। बुलडोजर का इतना प्रचार प्रसार किया गया कि लोग अब इससे डरने लगे हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई की। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर आज आदेश दिया कि अब 01 अक्टूबर तक बुलडोजर नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक अतिक्रमण पर ही एक्शन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर न्याय का महिमा मंडन बंद होना चाहिए।