PATNA : बिहार कर्मचारी चयन आयोग के स्तर से आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा के पेपरलीक मामले में ईओयू ने बड़ा खुलासा किया है। ईओयू के तरफ से यह साफ़ कर दिया गया है कि सवाल किस सेंटर से आउट हुआ था। इसके बाद अब ईओयू के तरफ से यह पड़ताल किया जा रहा है कि, परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल कैसे गया। इसके साथ ही टीम द्वारा इस मामले में मुख्य आरोपी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही इसके निशानदेही पर इसके भाई समेत चार अन्य लोगों की भी गिरफ़्तारी की गई है।
बता दें कि, पेपर लीक कांड का मुख्य अभियुक्त अजय कुमार सुपौल का रहने वाला है। उसे वहां के वार्ड नंबर चार से पकड़ा गया। उसके साथ उसके भाई विजय को भी ईओयू की जांच टीम ने गिरफ्त में लिया है। उसकी निशानदेही पर मोतिहारी, आरा, सुपौल और पटना से चार अन्य आरोपियों को भी उठाया गया है। सभी अभियुक्तों से फिलहाल ईओयू गहन पूछताछ कर रही है। इसमें कई अहम लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।
जानकारी हो कि, इससे पहले कल दोपहर में यह जानकारी आयी थी की बिहार कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा का पेपर मोतिहारी स्थित शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से लीक किया गया था। जिसके बाद इस मामले में स्कूल के शिक्षक सचिन्द्र ज्योति को हिरासत में लिया गया है। वह गायत्री नगर मोहल्ले के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि, जिस कमरे में वे वीक्षक थे, उसी कमरा से प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका है और इसके साथ ही गिरफ्तार अजय का इसी परीक्षा केंद्र पर पहली पाली में सेंटर था।
वह सेंटर के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से मोबाइल लेकर अंदर चला गया था। सुबह 10 बजे से परीक्षा शुरू होने के करीब एक-सवा घंटे बाद इसकी फोटो खिंचकर इसने कुछ लोगों को इसे भेज दिया था। इसके बाद इसके बाद इस पद प्रश्नपत्र को कई व्हाट्सएप ग्रुप में तेजी से बदल किया गया और इससे संबंधित कई संवेदनशील मैसेज भी ग्रुप में तेजी से वायरल किया गया। अब इन सभी व्हाट्सएप ग्रुप को ईओयू धीरे धीरे कर अपने रडार पर ले रही है इनसे मैसेज करने वाले और इस ग्रुप के एडमिन पर कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में ईओयू की टीम ने शनिवार को पटना, आरा, मोतिहारी, सुपौल समेत कुछ अन्य शहरों में दर्जनभर से ज्यादा स्थानों पर देर रात तक सघन छापेमारी की। इसमें कुछ अन्य लोगों के गिरफ्तार होने की आशंका है।