PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक पेपर लीक मामले की जांच में ईओयू की एसआईटी को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर की गई पूछताछ और बरामद दस्तावेजों की जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न-पत्र लीक हुआ, वहां से पहले भी कुछ प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक हो चुके हैं। मतलब यह प्रेस पहले से ही ब्लैकलिस्टेड था।
दरअसल, कोलकाता के जिस प्रिंटिंग प्रेस में सवाल का छिपाई हुआ था उसका मालिक इस आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। बावजूद इसके फिर से उसी प्रिंटिंग प्रेस को इस बार भी शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को छापने का ठेका दे दिया गया। ऐसा क्यों किया गया, इसकी जांच भी ईओयू कर रही है। प्रिंटिंग प्रेस के जिन कर्मियों के नाम सामने आए हैं, उन्हें भी गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
वहीं, पूछताछ में अभियुक्तों ने यह भी बताया कि प्रश्न-पत्र छपने के पहले ही इन्हें मिल गए थे। ईओयू इस मामले में तीन प्रमुख अभियुक्तों विशाल कुमार चौरसिया, अभिषेक कुमार और विक्की से पूछताछ के बाद इन्हें वापस भेज दिया गया। इसके बाद यह खुलासा हुआ है। इसके साथ ही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच के आधार पर एग्जाम निरस्त करने का फैसला लिया गया है।
आपको बताते चलें कि, 15 मार्च की सुबह झारखंड के हजारीबाग में करीब 300 अभ्यर्थी पेपर सॉल्व करते पकड़े गए थे। बीपीएससी ने ईओयू से पेपर लीक से जुड़े ठोस सबूत मांगे थे। इसके बाद अब दोनों शिफ्टों की तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द कर चुकी है। पेपर लीक होने के कारण आयोग ने यह फैसला लिया था। बीपीएससी ने कहा है कि परीक्षा की नई तिथि का ऐलान बाद में किया जाएगा।