BPSC EXAM : BPSC 70 वीं परीक्षा को लेकर क्यों मचा है बवाल? नॉर्मलाइजेशन से लेकर री एग्जाम की मांग पर लाठीचार्ज; यहां पढ़ें हर अपडेट

BPSC EXAM : BPSC 70 वीं परीक्षा को लेकर क्यों मचा है बवाल? नॉर्मलाइजेशन से लेकर री एग्जाम की मांग पर लाठीचार्ज; यहां पढ़ें हर अपडेट

PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त परीक्षा अब आयोग के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। राजधानी पटना में पिछले कुछ दिनों से बीपीएससी अभ्यर्थी लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अभ्यर्थी 13 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में धांधली का आरोप लगा परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। 


वहीं, आयोग ने किसी भी तरीके के पेपर लीक होने की आशंका से इंकार किया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभ्यर्थियों का प्रदर्शन कोई नया नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की आशंका को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद आयोग ने इनलोगों के प्रदर्शन पर गौर फरमाते हुए सफाई दिया कि किसी तरह का कोई नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू होने जा रहा है। 


इसके बाद मामला कुछ देर के लिए शांत तो हुआ लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाया। इसके बादअब बीपीएससी के मुद्दे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। ऐसे में हम आपको इस घटना के बारे में पूरी जानकारी देंगे कि इस पूरे मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है? सबसे पहले 6 दिसंबर सुबह के 9 बजे, राजधानी पटना के बेली रोड पर नॉर्मलाइजेशन के विरोध में बीपीएससी के अभ्यर्थी इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे।


शहर के बीचो-बीच इस तरह के प्रदर्शन की जानकारी होते ही प्रशासन एक्टिव हुई और आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहां उन्हें पता चला कि अभ्यर्थी बीपीएससी की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होने की संभावना को लेकर हंगामा कर रहे हैं। इस पर अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन अभ्यर्थियों ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया और हंगामा जारी रखा। ऐसे में रास्ते को खाली कराने के लिए पुलिस को मजबूरी में लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस के एक्शन से रास्ता खाली हो गया और अभ्यर्थी गर्दनीबाग इलाके में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे। 


बीपीएससी के अभ्यर्थियों के पर हुए लाठीचार्ज की घटना के बाद उसी दिन शाम को बिहार के फेमस टीचर खान सर उनके प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गर्दनीबाग पहुंच गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने 6 दिसंबर देर रात नोटिफिकेशन जारी किया।आयोग द्वारा जारी किए गए नए नोटिफिकेशन में नॉर्मलाइजेशन की बात को बेबुनियाद बताया गया। इसके साथ ही आयोग ने एक बार फिर से कंफर्म किया कि परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी। इसके बाद अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने-अपने घर चले गए। 


इसके बाद 13 दिसंबर को पूरे बिहार के 912 सेंटरों पर बीपीएसी की परीक्षा संपन्न हुई। लेकिन अभ्यर्थियों ने दावा किया कि परीक्षा का पेपर दोपहर में ही लीक हो गया था। यह बात जैसे ही फैली अभ्यर्थी हंगामा करने लगे। जिसके बाद अभ्यर्थियों को समझाने के लिए खुद पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह सामने आए। लेकिन हंगामा कर रहे अभ्यर्थी मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इस दौरान उन्होंने एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद बवाल मच गया और अभ्यर्थियों ने पेपर में धांधली होने का आरोप लगाकर पेपर रद्द करने की मांग शुरू कर दी। 


बापू परीक्षा केंद्र में तोड़फोड़ की घटना के बाद बीपीएसी ने उस केंद्र पर फिर से परीक्षा लेने का ऐलान किया। हालांकि इस दौरान आयोग ने साफ कर दिया कि यह परीक्षा सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को देनी होंगी। जिन्होंने बापू परीक्षा केंद्र में परीक्षा दिया था। दोबारा परीक्षा के लिए आयोग ने 4 जनवरी की तारीख का ऐलान भी कर दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने पूरी परीक्षा को फिर से कराने की मांग कर दी और मांग पूरी न होने पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। 


इधर, अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना दे रहे बीपीएससी अभ्यर्थी बुधवार 25 दिसंबर शाम 5 बजे बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे। पुलिस ने पहले उनको रोकने का प्रयास किया. ये जब नहीं माने तो इन पर लाठीचार्ज कर दिया। बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस ने हम लोगों को अपराधी की तरह दौड़ा दौड़ाकर पीटा है।