PATNA: बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण के परिणाम के बाद अब सातवें चरण का मतदान कल होगा। वही आठवें से लेकर दसवें चरण तक की चुनावी प्रक्रिया भी जारी है। इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने बोगस वोटर्स को लेकर खास निर्देश जारी किया है। सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। आयोग ने सभी जिलों से बोगस वोटरों की संख्या और उन पर हुई कार्रवाई को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इससे पहले चार चरणों में आयोग ने बायोमैट्रिक मशीन से सही पहचान नहीं होने के कारण वोट नहीं डाल पाने वाले वोटरों को केवल रिजेक्टेड वोटर माना था। अब राज्य निर्वाचन आयोग आयोग फर्जी वोटरों को लेकर सख्त हो गया है। आयोग ने अब इसे लेकर जिलों से रिपोर्ट तलब किया है। ऐसे में फर्जी वोटरों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। निर्वाचन आयोग ने अब सातवें चरण के मतदान के पहले निर्देश जारी कर पीठासीन पदाधिकारी को रिजेक्टेड वोटर की जांच का जिम्मा दिया है।
पदाधिकारी साक्ष्यों के आधार पर जांच कर यह तय करेंगे कि मतदाता किसी अन्य मतदाता के स्थान पर मतदान करने या दोबारा मतदान करने पहुंचा है तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। आयोग ने ऐसी कार्रवाई को लेकर सभी जिलों से चरणवार रिपोर्ट मांगी है । जिलों को भेजे गए अपने पत्र में बोगस वोटर पर भारतीय दंड संहिता धारा-171D और 171F के तहत कार्रवाई का निर्देश आयोग ने दिया है।
इसके तहत बोगस वोटर को एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। पंचायत चुनाव के पहले 4 चरणों में 77 हजार से अधिक लोग रिजेक्टेड वोटर बन चुके हैं। इनकी पहचान बायोमैट्रिक मशीन से नहीं हो सकी है। अब इन वोटरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट जिलों से रिपोर्ट मांगी गयी है।