PATNA : पटना में रविवार को ब्लैक फंगस के मरीजों इस संख्या में कमी देखने को मिली है। रविवार को पटना में 5 नए मरीज मिले हैं लेकिन बुरी खबर यह है कि 2 मरीजों की मौत हो गई है। जिन 2 मरीजों की मौत हुई उनका इलाज पटना के आईजीआईएमएस में चल रहा था। रविवार को आईजीआईएमएस में तीन जबकि पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के 2 मरीज भर्ती कराए गए।
पटना एम्स में ब्लैक फंगस के किसी ने मरीज को एडमिट नहीं लिया गया। रविवार को एम्स में ओपीडी बंद होने के कारण यहां मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। पटना एम्स में अब फंगस वार्ड में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 114 हो गई है जबकि आईजीआईएमएस में 95 मरीजों का इलाज चल रहा है। पटना के पीएमसीएच में 21 ब्लैक फंगस के मरीज इलाज करा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अभी भी इन अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन और दवाओं की किल्लत खत्म नहीं की जा सकती है। सरकार के लाख दावों के बावजूद मरीजों के परिजनों को दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
आईजीआईएमएस से जुड़े एक डॉक्टर के मुताबिक के दवा का डोज नहीं मिलने की वजह से ब्लैक फंगस के मरीजों की तबीयत तेजी से बिगड़ सकती है। डॉक्टर्स लगातार यह कह रहे हैं कि जिन मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है उन्हें 14 दिन तक इलाज के लिए जरूरी दवाओं का डोज देना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फंगस का खतरा दोबारा बढ़ सकता है। खबर यह है कि मेरठ के रहने वाले एक युवक की तबीयत इसलिए खराब हो गई क्योंकि ऑपरेशन के बाद उसको दवा मुहैया नहीं कराया जा सका। युवक का दो बार ऑपरेशन करना पड़ा है ऐसे ही परिस्थितियों का सामना कई मरीज कर रहे हैं। सरकारी यह दावा जरूर कर रही है कि ब्लैक फंगस के दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है।