MUZAFFARPUR : चार दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार के हर जिले में ब्लैक फंगस के इलाज का इंतजाम होगा. इलाज का ऐसा इंतजाम हुआ कि दवा के अभाव में मुजफ्फरपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस का मरीज तड़प तड़प कर मर गया. मरीज के परिजन गुहार लगाते रहे लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उसे पटना ले जाओ. पटना ले जाने में अक्षम परिजन अपने मरीज को तड़प कर मरते देखने के अलावा औऱ कुछ नहीं कर पाये.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा ही नहीं
दरअसल बिहार के सबसे बड़े मेडिकल संस्थानों में से एक मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों को देने के लिए दवा ही नहीं है. सरकार के निर्देश पर जब से इस अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज शुरू हुआ है तब से यही स्थिति है. हर दूसरे तीसरे दिन अस्पताल में ब्लैक फंगस की दवा ही खत्म हो जा रही है.
इसी बीच मंगलवार की शाम पूर्वी चंपारण के मेहसी के निवासी लक्ष्मण राम को मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लक्ष्मण राम की स्थिति गंभीर थी. डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि उसका तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी है. लेकिन बिहार के सबसे प्रमुख मेडिकल कॉलेज में शामिल इस अस्पताल में ऑपरेशन के लिए जरूरी दवायें ही नहीं थी. लिहाजा ऑपरेशन नहीं हो पाया.
डॉक्टरों ने कहा-पटना ले जाओ
ऑपरेशन के लिए जरूरी संसाधन नहीं होने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को पटना ले जाने को कहा. अस्पताल में न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर दीपक कर्ण ने बताया कि मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए पटना में स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया था. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि मरीज को पटना भेज दिया जाये. इसके बाद मरीज के परिजनों को उसे लेकर पटना के आईजीआईएमएस में जाने को कहा गया.
उधर गरीब परिवार के लोग मरीज को पटना ले जाने की स्थिति में नहीं थे. लिहाजा वे लगातार डॉक्टरों के सामने गिडगिडाते रहे कि मुजफ्फरपुर में ही आपरेशन कर दिया जाये. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी बीच मरीज लक्ष्मण राम ने तड़प तडप कर दम तोड़ दिया.
ब्लैक फंगस के दूसरे मरीज को भी पटना भेजा
दवा से लेकर दूसरे संसाधनों की कमी झेल रहे मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच से दूसरे गंभीर मरीज को भी पटना रेफऱ कर दिया गया है. सीतामढ़ी के पप्पू राम को 29 मई को ही इस अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती किया गया था. उसकी स्थिति गंभीर हो गयी है. अब डॉक्टरों ने उसे पटना रेफर कर दिया गया है. अस्पताल में दवा ही नहीं है कि गंभीर मरीजों का ऑपरेशन औऱ इलाज किया जा सके.