PATNA: जहानाबाद से बीजेपी के महामंत्री विजय सिंह की 13 जुलाई को मौत हो गयी थी। बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि लाठीचार्ज में घायल होने के बाद उनकी मौत पीएमसीएच में हुई है। बीजेपी नेताओं के इस दावे को पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने गलत ठहराया है। इनका कहना है कि जिस वक्त डाकबंगला चौराहे पर लाठीचार्ज की गई उस वक्त विजय सिंह वहां नहीं थे। लाठीचार्ज की घटना के बाद विजय सिंह जेपी गोलंबर से छज्जूबाग की ओर अपने एक साथी के साथ जाते दिखे थे। अभी तक जो भी जांच की गयी उसमें उनके शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही घटना के सही कारणों का पता चल पाएगा।
पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बात की जानकारी दी। पटना के जिलाधिकारी बताया कि 13 जुलाई को बीजेपी ने गांधी मैदान में सभा करने की अनुमति ली थी। पोस्टर बैनर के माध्यम से पता चला विधानसभा मार्च की भी तैयारी की गयी है। बीजेपी की तरफ से अनुमंडल पदाधिकारी के यहां आवेदन दिया गया था कि विधानसभा मार्च किया जाएगा। लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गयी थी। जेपी गोलंबर पर रोकने की कोशिश इन्हें की गयी लेकिन ये लोग रुके नहीं डाकबंगला चौराहे की तरफ बढ़ने लगे। जुलूस को डाकबंगला से आगे क्रांस करने की इजाजत नहीं है लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता डाकबंगला की ओर बढ़ते जा रहे थे।
इन्हें रोकने की कोशिश की गयी लेकिन ये नहीं माने और आगे बढ़ने लगे। डाकबंगला चौराहा शहर का हर्ट है यहां जाम लगती है तब पूरे शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी को देखते हुए वहां नाकेबंदी की गयी थी। बीजेपी कार्यकर्ताओं को बेरिकेट पर रोकने की कोशिश की गयी थी लेकिन इस दौरान मिर्च का पाउडर पुलिस के जवानों पर फेंका गया और बेरिकेटिंग को तोड़कर कार्यकर्ता आगे बढ़ने लगे। वाटर कैनन से पानी की बौछारे की गयी। आंसू गैस के गोले छोड़े गये लेकिन फिर भी ये लोग नहीं माने जिसके बाद हल्का बल प्रयोग किया गया। जिसमें दोनों तरफ से लोग घायल हुए है। कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं।
इसी बीच में सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति की पीएमसीएच में मौत हो गयी है। सूचना यह भी मिली कि उनके शरीर पर एक खरोच तक नहीं है। हमलोगों ने पता किया कि उनके साथ साथी चंद्रवंशी जी थे उन्होंने बताया कि वे डाकबंगला तक पहुंच भी नहीं पाए थे। वे लोग छज्जूबाग से लौट रहे थे जहां विजय सिंह जो कि जहानाबाद के बीजेपी मंत्री थे वे अचानक गिर गये। जिन्हें रिक्शे पर बिठाकर पास के तारा हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां तारा हॉस्पिटल ने पीएमसीएच रेफर कर दिया। जहां उनकी मौत हो गयी।
पटना डीएम ने बताया कि इस मामले की निष्पक्ष तरीके जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि जेपी गोलंबर से छज्जूबाग में वे अचानक गिर गये थे। लाठीचार्ज वाले स्थल तक वे पहुंचे ही नहीं थे। 1 बजकर 19 मिनट पर वे जेपी गोलंबर के पास दिख रहे हैं। जबकि लाठीचार्ज की घटना 12.55 में डाकबंगला में हुई थी। लाठीचार्ज की घटना के करीब बीस मिनट बाद वे जेपी गोलंबर से छज्जूबाग आराम से पैदल चलते देखे गये।
डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि विजय सिंह शरीर पर कही चोट का निशान नहीं पाया गया है। इसलिए हमलोग ये आश्वस्त है कि लाठीचार्ज से ऐसा नहीं हुआ है। हार्ट अटैक या फिर और कोई कारण से ऐसा हुआ है। इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही हो पाएगी। जांच रिपोर्ट के आने में चार दिन लगेंगे जिसके आने के बाद ही घटना के सही कारणों का पता चल पाएगा। फिलहाल सीसीटीवी के माध्यम से और भी जांच की जा रही है।