PATNA: बीजेपी के विधानसभा मार्च पर लाठीचार्ज के बाद पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जहानाबाद के बीजेपी नेता विजय सिंह जहां गिरे वहाँ से 50 मीटर पहले सीसीटीवी में वे सही सलामत दिखे थे। मार्च को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की इजाज़त नहीं थी। उपद्रवियों ने कई जगह बैरिकेड तोड़े। पुलिस के पास ऐसे वीडियो हैं। विजय सिंह की शरीर पर बाहरी चोट का कोई निशान नहीं था। सीसीटीवी फ़ुटेज में विजय सिंह अपने साथियों के साथ बातचीत करते दिखे हैं।
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि गांधी मैदान में सभा करने की अनुमति दी गयी थी। किसी प्रकार का जुलूस और विधानसभा मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गयी थी। लेकिन इसके बावजूद बिना अनुमति के विधानसभा मार्च निकाला गया। पुलिस द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेरिकेटिंग तोड़ दिया। पुलिसकर्मियों के आंखों में मिर्ची पाउडर फेंका गया। जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को कंट्रोल किया।
इसी बीच अचानक यह सूचना मिली कि जहानाबाद के रहने वाले विजय कुमार सिंह की मौत पीएमसीएच में हो गयी है। अभी तक अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि विजय सिंह डाकबंगला तक पहुंचे नहीं थे। डाकबंगला में भगदड़ की सूचना के बाद वे डाकबंगला नहीं गये थे। गांधी मैदान से छज्जू बाग की ओर विजय सिंह जाते हुए दिख रहे हैं। जिस रिक्शे ले वे जा रहे थे वो 1 बजकर 27 मिनट पर सीसीटीवी में दिख रहा है।
ट्रांसफार्मर के पास वे 1 बजकर 23 मिनट में गिरे हुए दिखे जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां किसी तरह का कोई भगदड़ नहीं मची थी। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करायी गयी है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। जो चौबीस घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। कोतवाली थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। इस पूरी घटना में 59 लोगों को हिरासत में लिया गया था जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। बेरिकेटिंग तोड़ते हुए लोगों का वीडियो पुलिस के पास है। जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है आगे कार्रवाई की जाएगी।
SSP राजीव मिश्रा ने बताया कि विजय सिंह के साथी भरत प्रसाद चन्द्रवंशी के बयान के आधार पर इलाक़े के सीसीटीवी की जाँच की गयी। सीसीटीवी से यह पता चला है कि विजय सिंह अपराह्न 13:22 बजे गांधी मैदान पटना के जेपी गोलम्बर से निबंधन कार्यालय, छज्जूबाग की तरफ जा रहे हैं, जो डाकबंगला रोड से अलग है।13:27 बजे अपराह्न उसी रास्ते में दुर्गा अपार्टमेन्ट के सामने खाली रिक्शा दिखता है, इसी रिक्शा से वे 13:32 बजे अपराह्ण तारा हॉस्पीटल पहुँचते हैं। घटना स्थल दुर्गा अपार्टमेंट के निकट से तारा हॉस्पीटल जाने में रिक्शा से लगभग 05 मिनट का समय लगता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि विजय सिंह के साथ घटना 13:22 से 13:27 बजे के बीच छज्जूबाग क्षेत्र में ही हुई है। इस बीच वे डाकबंगला पहुँच भी नहीं सकते थे, जहाँ पर भीड़ को तीतर बितर करने के लिए (लगभग 13 बजे) हल्का बल प्रयोग हुआ था। छज्जूबाग क्षेत्र में कोई पुलिस बल नहीं था। यद्यपि छज्जूबाग में उक्त घटना स्थल सी.सी.टी.वी. कैमरा से आच्छादित नहीं पाया गया, परंतु उससे 50 मीटर पहले कैमरा में उनका आवागमन दिख रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है की विजय सिंह की मौत पुलिस के लाठीचार्ज से नहीं हुई है। उनके शरीर पर कोई चोट का निशान भी नहीं पाया गया है। मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।