PATNA: मोहन यादव, विष्णु साय को सीएम बनाकर भाजपा ने विपक्ष की हवा निकाल कर रख दी है। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी का यही कहना है। उनका दावा है कि जेडीयू बनारस में रैली करके देख लें और नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़कर भी देख लें तब सच्चाई का पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्रियों के चयन में सच्चा सामाजिक न्याय हुआ है। मोदी की गारंटी साबित हो गयी है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना सीएम-फेस घोषित किये तीन हिंदी प्रदेशों में चुनाव लड़ने और तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत पाने के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के विष्णु साय, मध्य प्रदेश में पिछड़े वर्ग के डा.मोहन यादव और राजस्थान में सवर्ण समाज के भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण सामने रखा है, जिससे 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गई।
सुशील मोदी ने तीनों मनोनीत मुख्यमंत्रियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार बनारस में रैली करें या फूलपुर से चुनाव लड़ लें, कहीं उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। जदयू पहले उत्तर प्रदेश और अब मध्य प्रदेश विधानसभा की 10सीटों पर जमानत जब्त करा कर बिहार के बाहर अपनी औकात देख चुका है।
सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने किसी यदुवंशी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया और बिहार में जिन्हें बनाने के लिए एड़ी-चोट का जोर लगाया जा रहा है, वे "नौकरी के बदले जमीन" मामले में आरोपित हैं। उनकी एक मात्र योग्यता लालू प्रसाद का पुत्र होना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने नये मुख्यमंत्रियों के चयन में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और सबका सम्मान करने की गारंटी साबित की।
सुशील मोदी ने कहा कि तीन राज्यों में भाजपा के पक्ष में आये जनादेश से हताश इंडी गठबंधन को बैठक टालनी पड़ी। विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्री किनारा करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने विपक्ष की भोपाल रैली रद करने का एकतरफा फैसला कर और फिर सपा-जदयू जैसे दलों को अलग-थलग छोड़ कर जो संदेश दिया, उससे तय था कि जहाज पहले ही सफर में डूबने वाला है।
सुशील मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन अब तक उप-समितियों की बैठक नहीं कर पाया, साझा उम्मीदवार तय करना तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने कहा कि तीन प्रदेशों में भाजपा की शानदार विजय और धारा-370 हटाने के पक्ष में आया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय 2024के संसदीय चुनाव का एजेंडा तय कर चुका है, लेकिन सपनों में खोये नीतीश कुमार हवा का रुख देखना नहीं चाहते।