PATNA: बीजेपी ने महागठबंधन के 20 सवालों के जवाब दे दिए हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अग्निपथ स्कीम से जुड़े तेजस्वी यादव के सभी सवालों का जवाब दिया है। सोशल मीडिया पर तेजस्वी के सवालों का जवाब देते हुए संजय जायसवाल ने कहा है कि जवाब इतना लंबा है कि तेजस्वी यादव उसे पढ़ नहीं पाएंगे और ना ही उन्हें समझ में आएगा। बता दें कि तेजस्वी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर बीजेपी से 20 सवाल पूछे थे।
संजय जायसवाल ने कहा है कि देश में वैश्विक स्तर पर बड़े आर्थिक और सामरिक बदलाव आ रहे हैं और भारत इन बदलावों को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ सकता है, इसलिए हमारे सेना अध्यक्षों को यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की जरूरत थी। सरकार ने आर्थिक, नागरिक, उद्योग, शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में आवश्यक सुधार किए। अब सेना की मांग पर सरकार अग्निपथ स्कीन को लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही इन सुधारों की विरोधी रही है जबकि क्षेत्रीय दल देश स्तर के बड़े मुद्दों पर अपनी न्यायसंगत राय पेश नहीं कर पाते हैं। संजय जायसवाल ने कहा है कि आरजेडी ने जो 20 सवाल पूछे हैं उसमें कई सवाल ऐसे हैं जिनका उत्तर स्वयं सेना नायकों ने दिया है, लेकिन सवाल बीजेपी से पूछे गए हैं तो उसका जवाब भी उनको दिया जाना जरूरी है।
संजय जायसवाल ने कहा कि भारत के युवाओं के लिए यह एक बेहतरीन मौका है। साथ साथ 17-21 वर्ष की आयु में सेना के शौर्य से जुड़ने, उसके कार्यशैली तथा अनुशासन से जुड़ने और जीवन में कुछ नया सीखने का शानदार अवसर है। युवाओं ने पूरे मनोयोग से इस स्कीम को स्वीकार लिया है लेकिन सत्ता के मोह में फंसी राजद इस स्कीम को समझ नहीं सकी है और जनता के भावनाओं से खेल रही है जो ना उसके लिए ठीक है ना भारत के भविष्य के लिए ठीक है।
तेजस्वी के 20 सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने क्रमवार जवाब दिया है..
1. अग्निवीर सैनिकों को स्कीम के तहत 30 दिनों की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है।
2. अग्निवीर सैनिकों की नियुक्ति की स्कीम है और आरजेडी जैसे दल को यह जानकारी होनी चाहिए की सेना के अफसरों की बहाली के लिए एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाएं पूर्व से ही कार्यरत हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने इन परीक्षाओं की न्यूनतम अर्हताएं कभी पूरी नहीं की हैं तो स्वाभाविक तौर पर उन्हे इसकी जानकारी का अभाव रहेगा।
3. संघ एक राष्ट्रवादी संस्था है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद से प्रेरित नागरिकों का निर्माण है और उसका शासन में कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। वामपंथी विचारकों से प्रेरित यह प्रश्न इन सुधारों की आवश्यकता को नहीं समझती है इसलिए राजद के विचारकों को अपनी संकीर्ण मानसिकता राष्ट्रीय महत्व के इन विषयों पर जाहिर ना ही करे तो अच्छा होगा। पार्टी के वोटबैंक को प्रोत्साहित और जागृत करने के लिए इस प्रश्न को उठाया गया है और यह राजद के दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है की वोट से आगे ना वह सोंच सकती है ना कुछ कर सकती है।
4. सेना ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि 4 वर्षों के सेवाकाल के दौरान अर्जित जो सेवा निधि की रकम होगी वह पूर्णतः कर मुक्त होगी। अग्निवीर सैनिकों को मिलने वाली सेवा निधि में 50 प्रतिशत कॉर्पस फंड की राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली है जो पूर्णतः उसका अंशदान होगा। चूंकि यह राशि पूर्णतः कर मुक्त होगी इसलिए इसपर किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी।
5. ग्रेच्युटी इस मानदेय में समाहित नहीं होगी लेकिन जो 25 प्रतिशत अग्निवीर सैनिक सेना में कमीशन किए जाएंगे उनको इसकी सुविधा मिलेगी। अवकाश के बाद जब अग्निवीर अन्य सेवाओं में जोड़े जाएंगे तब स्वाभाविक तौर पर उनको इसका लाभ मिलेगा।
6.अग्निवीर सैनिकों को सेवाकाल में स्वाभाविक तौर पर मेडिकल सहित सीडीएस कैंटीन की सेवा मिलने वाली है और इसकी घोषणा कर दी गई है।
7. सेना के अंदर से ही इस प्रकार के सुधारों की मांग वर्ष 1989 से ही की जा रही थी क्योंकि भारत में सैनिकों की औसत आयु 32 वर्ष है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, जबकि अमेरिका में यह मात्र 27 वर्ष है और चीन में तो यह और भी कम है। भारतीय सेना ने सैनिकों के उम्र को आधार बताते हुए यह मांग की थी कि सैनिकों की औसत आयु कम करने की आवश्यकता है क्योंकि कई बार अधिक ऊंचाई या मुश्किल क्षेत्रों में अधिक उम्र के सैनिकों को शारीरिक दिक्कतें आ रही थीं। विश्व में बदलते रणनीतिक स्थितियों के आलोक में तथा आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए और सेना के द्वारा मांग को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम को लाया गया है, जिसमें सभी प्रकार के डिफेंस और रक्षा विशेषज्ञों से सलाह भी लिया गया है। संसद के डिफेंस कमिटी में कॉंग्रेस के तरफ से नामित मनीष तिवारी ने भी इस स्कीम को पूर्ण समर्थन दिया है।
8. भारत के अधिकाधिक युवाओं को सेना के शौर्य से जोड़ने और उनके जोश को देशप्रेम से जोड़कर सार्थक दिशा देने के लिए इस स्कीम को अनुमोदन किया गया है। सेना को युवा जोश के साथ अनुभव के होश से जोड़ने की यह बेहतरीन पहल है। अग्निवीर सैनिकों में से कुल 25 प्रतिशत सैनिक स्थायी रूप से सेना में कमीशन किये जायेंगे और शेष को असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ सहित सभी केंद्रीय एजेंसीयों में अग्निवीर सैनिकों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया जा चुका है। इनके साथ कई प्रदेशों के पुलिस व्यवस्था में भी अग्निवीर सैनिकों को विशेष आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
9. अग्निवीर सैनिको को 12वीं की डिग्री भी दी जाएगी जिसमें इग्नू तथा ओपन लर्निंग जैसे राष्ट्रव्यापी शिक्षण संस्थान को केंद्र सरकार ने डिग्रियों के साथ विभिन्न प्रकार के स्किल ट्रेनिग के लिए नामित किया है। उच्च शिक्षा में भी उन्हे किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी क्योंकि सेवा निधि के माध्यम से उन्हे आर्थिक तौर पर सशक्त बनाया जा रहा है ताकि वे अगर वे पढ़ाई करना चाहें तो कर सकें या अपने सेवाकाल के दौरान सीखे गए स्किल के माध्यम से किसी भी प्रकार का रोजगार कर सकें।
10. यह एक हास्यास्पद प्रश्न है और साथ में दुखी करने वाला भी है। बिहार में जिस प्रकार की उत्पात मचायी गई राजद जैसे दल ने यही सीखा है और किया है। देश के सामान्य छात्र और युवा देश से प्रेम करने वाले हैं और देश को आगे बढ़ाने की सोच से प्रेरित हैं। राजद ने अपने कैडर मतदाताओं को हिंसा में उपयोग किया है और उसकी विचारधारा भी हिंसात्मक रही है इसलिए उसके मन में ऐसे सवाल आ सकते हैं क्योंकि यही उसकी कार्य प्रणाली रही है।
11. आरजेडी ने अपने 15 वर्षों के शासन में मात्र 3 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी थी। एनडीए ने बिहार में अपने शासनकाल में 7 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों का प्रावधान किया है, जो उसके शासनकाल से दोगुनी से भी ज्यादा है। यूपीए के शासनकाल से ज्यादा नौकरी हमने विगत 8 वर्षों में दी हैं। सरकार ने राज्यसभा में स्पष्ट तौर पर कहा है कि अकेले 2020-2021 में 2.65 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं। यूपीएससी के माध्यम से 13,238, एसएससी के माध्यम से 1.330 लाख तथा रेलवे में 1,51,900 लोगों को नौकरियां मिली हैं।
12. कोरोना का कालखंड पर किसी तरह का सवाल खड़ा करना राजद जैस दल की मानसिकता को दर्शाता है। कोरोना के एक पहले वाले वर्ष 2019 में हमने सेना में ही अकेले 78 हजार लोगों को नौकरी दी थी। उन्हें अपनी इस मानसिकता से बाहर आकार 21 वीं शताब्दी के अनुकूल नीतियों पर चलना पड़ेगा। यह सच्चाई है कि उन्हें किसी के रोजगार की चिंता नहीं है बल्कि नेता प्रतिपक्ष के रोजगार की चिंता है, क्योंकि उन्हे यह लगता नहीं है की वो मुख्यमंत्री से कम के लिए बने हैं। परिवारवाद के रोग से ग्रस्त राजद कभी भी सामान्य लोगों के हित की नहीं सोंच सकता।
13. अग्निवीर स्कीम को प्रस्तुत करते समय यह स्पष्ट किया जा चुका है की सेना सिर्फ नौकरी का जरिया नहीं हो सकता है, बल्कि यह देश सेवा के लिए बना एक मिशन है। सेना को नौजवान किए जाने की मांग स्वयं सेना ने ही किया है और सेना पर किसी तरह की राजनीति ठीक नहीं है।
14. समाजवाद की नीतियों में कमी के वजह से ही 1990 में देश की अर्थव्यवस्था पूर्णतः खत्म हो गई थी और 1990 में हुए सुधारों ने ही आज इस देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया है। 1962 के युद्ध में इन्ही नीतियों की वजह से हथियारों की कमी की वजह से हम चीन से युद्ध हारे थे और उसका दंश आज भी मानसिक तौर पर झेलते हैं। सेना के हरेक कीर्ति जैसे बालाकोट एयर स्ट्राइक और म्यांमार में हुई कारवाई पर सवाल उठाने और पूछने वाले आज अचानक सेना के इतने हितैषी क्यों हो उठे हैं देश इससे वाकिफ है। अग्निवीर योजना सरकार की अपनी योजना ना होकर सेना के तरफ मांगे गए आवश्यक सुधारों का परिणाम है लेकिन राजद को बात समझ नहीं आएगी।
15. उपरोक्त आंकड़ों जिनमें रोजगार और नौकरियों के आँकड़े दिए गए हैं से स्पष्ट है कि हमने स्थायी रोजगार के अवसर लगातार उपलब्ध कराएं हैं। देश की तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था इस बात का धोतक है और सामान्य लोग इस बात से पूर्णतः वाकिफ हैं। राजद बार बार कोरोना कालखंड के आंकड़ों को दिखाकर भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है। बिहार में शिक्षकों सहित स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार नौकरियां दी जा रही हैं। उद्योगों का जाल बिहार में फैल रहा है जिससे लोगों को बड़ी संख्या में कार्य करने के अवसर मिल रहे हैं।
16. रोजगार का तनाव लोगों में नहीं है बल्कि राजद के ' युवराज' को जरूर है। हर संकट में बिहार को छोड़कर भागने वाले युवराज की मुख्यमंत्री पद के लिए लपलपाती जीभ इस बात को स्पष्ट करती है।
17. हिंसा राजद का मौलिक चरित्र है और उसे नौजवान भी इसी कारण से हिंसक दिखाई पड़ते हैं। बिहार में जो हिंसा हुई है वह स्पष्ट तौर पर एक षड्यन्त्र है और पुलिस के अनुसंधान में यह बात साबित भी हो चुकी है। सामान्य छात्र अग्निवीर के लिए लाए गए नोटीफीकेशन पर काम शुरू कर चुका है।
18. राजद को अपना शासन याद करना चाहिए और आतंक के राज को याद करके दुखी होना चाहिए।
19. हमने भारत के भविष्य को ध्यान में रखते हुए और सामरिक तौर पर मजबूत सेनाओं के कार्यप्रणाली का अध्ययन करके इस स्कीम को लॉन्च किया है। राजद को अपनी दृष्टि व्यापक करने आवश्यकता है।
20. भारत दुनिया के अग्रणी सेनाओं में शामिल है और सामान्य तौर सरकारें इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। यह स्कीम युवाओं के भविष्य को समर्पित है और उनके माध्यम से राष्ट्र को समर्पित है। आकर्षक वेतनमान, सुरक्षित भविष्य और युवाओं के स्किल को दिशा देने के लिए यह योजना लाई गई है। इसका तिरस्कार और इसकी गलत व्याख्या सही नहीं है।