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बीजेपी को हैसियत दिखाने पर उतरे नीतीश? ललन सिंह ने संजय जायसवाल को अखबारी नेता करार दिया, पहले उपेंद्र कुशवाहा ने दी थी नसीहत

1st Bihar Published by: Updated Thu, 22 Apr 2021 08:41:35 PM IST

बीजेपी को हैसियत दिखाने पर उतरे नीतीश? ललन सिंह ने संजय जायसवाल को अखबारी नेता करार दिया, पहले उपेंद्र कुशवाहा ने दी थी नसीहत

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PATNA : एक ओर जहां बिहार में कोरोना कहर ढा रहा है, वहीं दूसरी ओर में सरकार चला रही पार्टियां बीजेपी और जेडीयू के बीच अलग ही शीतयुद्ध शुरू हो गया है. बिहार में लॉकडाउन नहीं लगाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को आज फिर जेडीयू का करारा जवाब मिला. जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह ने कहा-कुछ अखबारी नेता बैठे-बैठे ज्ञान दे रहे हैं. उन्हें समझ लेना चाहिये कि नीतीश कुमार वह सब कर रहे हैं जो सरकार को करना चाहिये.


क्या बोले ललन सिंह
दरअसल ललन सिंह ने आज बयान देने के लिए मीडिया वालों को बुलवाया था. पत्रकारों ने पूछा बिहार में लॉकडाउन नहीं लगा है. इस पर सवाल उठ रहे हैं. ललन सिंह बोले-लॉकडाउन की मांग करने वाले लोग अखबारी नेता हैं. सिर्फ  बैठे-बैठे ज्ञान देते रहते हैं. वे नीतीश कुमार को ज्ञान नहीं दें. मुख्यमंत्री कोरोना के मामलों की रोज समीक्षा कर रहे हैं. अगर लॉक डाउन की जरूरत होगी तो सीएम खुद फैसला ले लेंगे. किसी के बयानबाजी करने  से कुछ नहीं होने वाला. बयानबाजी करनेवालों को नीतीश कुमार के रुख को जान लेना चाहिए.


नाम लिये बगैर सब कह गये ललन सिंह
दरअसल ललन सिंह ने अपने बयान में संजय जायसवाल का नाम तो नहीं लिया लेकिन सब कुछ कह गये. बिहार में लॉकडाउन की मांग संजय जायसवाल ने ही की थी. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिख कर कहा था कि सीएम नीतीश कुमार के नाइट कर्फ्यू का निर्णय समझ से परे है. डा. संजय जायसवाल ने कोरोना के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी सलाह दी थी कि सरकार शुक्रवार की शाम से सोमवार की सुबह तक लॉकडाउन घोषित करे. लेकिन अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी मांग को दरकिनार करते हुए सिर्फ नाइट कर्फ्यू की घोषणा की. इसके बाद ही जायसवाल ने लिखा था कि नाइट कर्फ्यू कोविड संक्रमण के प्रसार को कैसे रोकेगा, यह समझ से परे है. दिलचस्प बात ये है कि संजय जायसवाल के अलावा किसी दूसरी पार्टी के बड़े नेता ने लॉकडाउन की मांग नहीं की है. यहां तक कि तेजस्वी यादव ने भी लॉकडाउन की मांग नहीं की है. जाहिर है ऐसे में अगर ललन सिंह लॉकडाउन की मांग करने वाले को अखबारी नेता करार दे रहे हैं तो निशाना कहां है ये लोग समझ रहे हैं.


वैसे इससे पहले जेडीयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी संजय जायसवाल को नसीहत दी थी कि वे राजनीति नहीं करें. उन्होंने ट्वीट कर भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष को कहा था कि ' यह राजनीति का वक्‍त नहीं है'. इसके बाद बीजेपी कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि उपेद्र कुशवाहा नये मुल्ला हैं इसलिए ज्यादा प्याज खा रहे हैं. चर्चा है कि सम्राट चौधरी ने पार्टी नेतृत्व की सहमति से ही उपेंद्र कुशवाहा पर हमला बोला था. 


बीजेपी को हैसियत बता रहे नीतीश
जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार बीजेपी को हैसियत बता रहे हैं. पार्टी के नेता बगैर उनकी राय के नहीं बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर सरकार की सारी कवायद से बीजेपी को दूर ही रखा है. स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में मंत्री मंगल पांडेय बैठक में जरूर मौजूद रहते हैं लेकिन फैसले मुख्यमंत्री के लेवल पर ही लिये जा रहे हैं. मंशा साफ है अगर कुछ अच्छा हुआ तो बीजेपी को श्रेय नहीं लेने देंगे. लेकिन अगर बुरा हुआ तो जिम्मेवार बीजेपी को ठहराया जाये.



अब देखना ये है कि बीजेपी कैसे इसका जवाब देती है. हालांकि बीजेपी को जो कुछ करना है इसका फैसला दिल्ली में होता है. दिल्ली में बैठे बीजेपी के नेताओं के पास फिलहाल बिहार की फिक्र करने का समय नहीं है. ऐसे में बीजेपी की ओर से कोई करारा जवाब मिलेगा इसकी उम्मीद कम है.