PATNA : शराबबंदी वाले राज्य में सैकड़ों लोगों की जान जहरीली शराब के कारण जा रही है। हालांकि, सरकारी डाटा के अनुसार यह संख्या मात्र 35 है। लेकिन, इसके बाबजूद सबसे बड़ा सवाल यह किया जा रहा है कि, आखिरकार शराब इनलोगों के पास पहुंची कैसे। वहीं, इस तमाम सवालों के बीच विपक्ष का सबसे बड़ी मांग पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाना है। इसी कड़ी में अब विपक्ष की इस लेकर सरकार के तरफ से बिहार विधानसभा के संसदीय कार्य मंत्री और बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रुख साफ़ किया है।
बिहार सरकार के वित्त मंत्री और जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि, यदि सरकार की नियति पड़ितों की मदद करनी नहीं होती तो 2016 में नीतीश कुमार द्वारा इसको लेकर कानून नहीं बनाया जाता। आज जो लोग इस कानून का हवाला देकर मुआवजा की मांग रहे हैं, उनसे यह कहना चाहता हूं कि यह कानून हमारे तरफ से बनाया गया था और इसमें मुआवजा का प्रावधान है। हालांकि, भाजपा के लोग बिना इसे अच्छी तरह समझें हुए मांग कर रहे हैं। विजय कुमार चौधरी ने बताया कि, 2016 में जो कानून बनाया गया है उसके अनुसार शराब बनाने वाले या बेचने वाले के लिए मुआवजा का प्रावधान है।
वहीं, सरकार वके तरफ से आकड़ा छुपाने की बात पर उन्होंने कहा कि, कौन क्या बोल रहा है उससे हमें कोई मतलब नहीं है। हम इतना जानते हैं कि मरने वाला बिहारी है और जिनके पास भी सरकार से अधिक आकड़ा है सबुत और सूचि के साथ आएं हम उनकी बात को बिलकुल सुनेंगे। आकाश में आरोप नहीं लगाना चाहिए। बिना कोई सबूत के कोई बात नहीं बोलना चाहिए।
इसके आलावा उन्होंने कहा कि, भाजपा के लोग कल से बात को घुमा रहे हैं, कल तक यह कह रहे थे कि सरकार मुआवजा दे आज कह रहे हैं कि कौन सा सरकार को अपने घर से मुआवजा देना है। ये लोग बिना जाने समझें कुछ भी बोलने लगते हैं। कल तक भाजपा के लोगों को यह नहीं मालूम था कि एक्ट क्या है और आज सब कुछ पढ़ें हैं तो अपनी बात भी बदल दिए हैं। इसलिए एक बात बिलकुल साफ़ है कि, सरकार ने यह तय कर रखा है कि मुआवजा किससे और कब वसूला जाएगा। यह सबकुछ साफ़ है।