आदित्य ठाकरे के बिहार आने से पहले सियासत शुरू, भाजपा ने कहा - भ्रष्टाचार के गुर सीखने पटना आ रहे ...

आदित्य ठाकरे के बिहार आने से पहले सियासत शुरू, भाजपा ने कहा - भ्रष्टाचार के गुर सीखने पटना आ रहे ...

PATNA  : शिवसेना- यूबीटी के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे आज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाक़ात करने बिहार की राजधानी पटना  आने वाले हैं। इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के कई नेता मौजूद रहेंगे। इन नेताओं में सांसद अनिल देसाई और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी शामिल होंगे। इधर, इस मुलाकात को लेकर बिहार भाजपा के तरफ से  तेजस्वी प्रसाद यादव पर जोरदार तंज किया गया है। 


बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता जीवेश मिश्रा ने ठाकरे और तेजस्वी  की इस मुलाक़ात को लेकर कहा कि यदि आज बाला साहब ठाकरे यदि जिंदा होते तो बेहद दुखी होते। आज जो मूल शिव सैनिक है वो भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, ये लोग तो शिवसेना से भटके हुए लोग हैं। आज ये लोग शिवसेना की नीतियों के खिलाफ, बाला साहब के उद्देश्य के खिलाफ जाकर तेजस्वी यादव से मुलाक़ात कर रहे हैं। दरअसल, आदित्य ठाकरे भी तेजस्वी से मिलकर भ्रस्टाचार का गुर सीखना कहते हैं, इसलिए ये यहां आ रहे हैं। 


भाजपा नेता ने कहा कि, मुझे तो यह समझ नहीं आता है कि वो तेजस्वी से क्या सीखेंगे। आखिकार  तेजस्वी ने ऐसा क्या कमाल कर दिया कि आदित्य ठाकरे को उनसे सीखना है। इसका अर्थ तो सिर्फ यही है कि पिछले 33 वर्षों में उन्होंने जो भ्रस्टचार किया है उसी के बारे में और उसी को सिखने ठाकरे भी बिहार आ रहे हैं। ठाकरे बिहार घूमने आ रहे हैं, क्यूंकि बिहार में पर्यटक कम हो गए हैं। 


वहीं, जीवेश ने बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे विपक्षी एकता को लेकर कहा कि उनकी एकता को कुछ दिन पहले कैबिनेट बैठक के दौरान ही देखने को मिल गई जब दो मंत्री आपस में भीड़ गए। इसलिए पहले मुख्यमंत्री को बिहार के अंदर ही मजबूती लानी होगी, जब उसी में सफल नहीं हो रहे हैं तो फिर बहार के बारे में सोचना ही बंद कर देना चाहिए। 


वहीं, भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि यह कोई विपक्षी एकता नहीं। यह बेटायों का मुलाक़ात हैं कोई नेताओं का मुलाकात नहीं है। यह परिवारवादी लोगों का एक मुलाक़ात है। उन्होंने ये वहीं लोग हैं जिनके पिता अब रिटायर कर रहे हैं और बेटा उनकी कुर्सी ले रहे हैं।  उन्होंने कहा कि इन दोनों में कोई भी युवा नेता नहीं बल्कि युवा बेटा हैं। नेता की बात किया जाए तो वो लालू यादव थे। ये लोग तो बिना स्टैंड के नेता है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि आदित्य ठाकरे आ जाएं या उद्धव ठाकरे आ जाएं, कोई फायदा नहीं होने वाला है। इससे पहले मुख्यमंत्री भी तमाम विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं। उनको किसी ने तरजीह नहीं दी।


जबकि इस मुलाक़ात को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि, हमलोगों कि कोशिश विपक्ष को एकजुट करना है। दो युवा नेता कि मुलाकात से कुछ न कुछ सकारात्मक बातें निकल कर सामने आएगी।वो भी काफी अनुभवी नेता हैं,मुझें उनके अनुभव के बारें में और अधिक जानने को मिलेगा। तेजस्वीने बताया कि उनकी मुलाक़ात आदित्य ठाकरे से दोपहर 3 बजे होना है। 


इधर,  तेजस्वी और ठाकरे की मुलाक़ात पर हम के नेता दानिश  रिजवान ने कहा कि यह मुलाक़ात देश की राजनीति में एक नया आयाम साबित होगा। ये दोनों युवा हैं और नई पीढ़ी के नेता हैं। ये लोग नई सोच के नेता हैं, इसलिए ये दोनों मिल रहे हैं तो इसके सकारात्मक परिणाम निकल कर सामने आएंगे। इससे देश में ऐसा समीकरण बनकर सामने आएगा जो केंद्र सरकार की नींद उड़ा देगा।