1st Bihar Published by: Updated Fri, 01 May 2020 04:37:57 PM IST
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PATNA: बिहार सरकार बिना डाटा बेस के ही केंद्र सरकार से अतिरिक्त अनाज मांग रही है. केंद्र सरकार ने ये पोल खोल दी है. केंद्र सरकार ने कहा है कि बिहार को अतिरिक्त अनाज चाहिए तो उसको 14 लाख लोगों का डाटा देना होगा.
लिस्ट दे तो कल ही दे देंगे अनाज
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इसको लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी और बिहार सरकार के खाद्य और उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी से बात हुई थी. जो बिहार में आठ करोड़ 71 लाख लोगों को अनाज मिलना चाहिए था. 2016 से लेकर अभी तक 8 करोड़ 57 लाख है. लेकिन 14 लाख लोगों का कोई डाटा नहीं है. अगर बिहार 14 लाख की सूची आज देगा तो हम कल अनाज दे देंगे. क्योंकि हम अनाज हर नाम के अनुसार ही देते है. इसको लेकर बिहार को दो काम करना होगा. पहला तो नामों का लिस्ट देना होगा और दूसरा की डाटा को पोर्टल पर डालना होगा.
मदन सहनी ने मांगी थी अनाज
बिहार के खाद उपभोक्ता मामलों के मंत्री मदन सहनी ने केंद्रीय मंत्री को कुछ पहले ही पत्र लिखा था. इस पत्र में राज्य सरकार की तरफ से मांग की गई थी कि बिहार में 1.5 करोड़ परिवारों के लिए केंद्र सरकार अनाज का कोटा बढ़ाए. राज्य सरकार ने इसके लिए 75 हजार टन अनाज का आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया है. इसके लिए राज्य सरकार ने यह तर्क दिया है कि बिहार में नए सर्वे के मुताबिक 30 लाख नए परिवारों को राशन कार्ड देने की तैयारी है. इन परिवारों में लगभग डेढ़ करोड़ लाभुक हैं इस लिहाज से केंद्र को 30 हजार टन गेहूं और 45 हजार टन चावल का आवंटन बढ़ाना चाहिए. फिलहाल केंद्र सरकार से बिहार को लगभग साढे चार लाख टन अनाज मिलता है. राज्य सरकार का दावा था कि नए राशन कार्डधारी बढ़ने के बाद बिहार की जरूरत लगभग 5.32 लाख टन की होगी.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार लगातार बिहार में राशन कार्ड से वंचित लोगों के मामले पर दिशा निर्देश जारी करती रही है लेकिन कोरोना महामारी के पहले तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा और अब सरकार आनन-फानन में नए राशन कार्ड जारी करने जा रही है. बिहार में गरीबों को राशन के मुद्दे पर लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी चिंता जताई थी जिसके बाद जेडीयू ने चिराग को नसीहत देते हुए यहां तक कह डाला था कि एलजेपी अध्यक्ष को जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं है.