ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां

बिलकिस बानों केस के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रिहाई का फैसला रद्द

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 08 Jan 2024 11:05:27 AM IST

बिलकिस बानों केस के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रिहाई का फैसला रद्द

- फ़ोटो

DELHI: बिलकिस बानों केस के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पीड़ित की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि राज्य इस तरह का निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं है।


दरअसल, साल 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 21 जनवरी 2008 को CBI की विशेष अदालत ने 11 लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को माफी देते हुए जेल से रिहा कर दिया था।


गुजरात सरकार के इस फैसले के खिलाफ बिलकिस बानों ने दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दोषियों की समय से पहले रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सजा में छूट की अवधारणा के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि कानून में इसे अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है, लेकिन ये स्पष्ट किया जाना चाहिए कि ये दोषी कैसे माफी के योग्य बने।


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार के दोषियों की रिहाई के फैसले को पलट दिया है।मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित की याचिकाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है। जनहित याचिकाओं को भी मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एक महिला सम्मान की पात्र है, चाहे उसे समाज में कितना भी नीचा क्यों न समझा जाए या वह किसी भी धर्म को मानती हो।कोर्ट ने कहा कि 11 दोषियों की जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका वैध है।


जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने पिछले साल 12 अक्टूबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे सोमवार को सुनाया गया। कोर्ट के इस फैसले के बाद मामले में दोषी जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राध्येशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दहिया, बकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना को फिर से जेल जाना पड़ेगा।