PATNA: बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी यानि मार्शल के पद पर बहाली के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है. विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. बहाली के लिए लिखित परीक्षा से लेकर शारीरिक जांच तक पूरी कर ली गयी थी. विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी कुर्सी से हटने से पहले नियुक्ति पत्र बांटने तक की तैयारी कर रहे थे. लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं बांट पाये थे. अब बहाली प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी मिलने के बाद पूरी प्रक्रिया को रद्द कर नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
बिहार विधानसभा सचिवालय ने इसका पत्र जारी किया है. विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पहले आयोजित हुई परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. अब नियुक्ति के लिए नए सिरे से परीक्षा होगी. नई परीक्षा तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी. राज्य विधानसभा सचिवालय के उप सचिव राम कुमार यादव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्राप्त रिपोर्टों पर विचार करने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. इसकी विस्तृत जानकारी बाद में बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी.
नियुक्ति पत्र बांटने की थी तैयारी
बता दें कि सुरक्षा प्रहरी यानि मार्शल के 69 पदों पर सीधी भर्ती के लिए 10 सितंबर 2023 को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी. इसमें 27 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसके बाद इसी साल 19 से 22 जनवरी तक अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच और दक्षता परीक्षा आयोजित की गई थी. सूत्र बताते हैं कि 12 फरवरी को पद से हटाये गये विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी नियुक्ति के लिए पूरी लिस्ट बनवा चुके थे और नियुक्ति पत्र बांटने की तैयारी में थे. लेकिन जनवरी में ही उऩके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका था. लिहाजा विधानसभा सचिवालय ने उन्हें नियुक्ति पत्र बांटने से रोक दिया था.
बिहार विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को नियुक्ति परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. विधानसभा सचिवालय को इस संबंध में लिखित शिकायत भी की गयी थी. अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने शिकायतों के आधार पर मामले की छानबीन करायी और उस पर विचार करने के बाद सुरक्षा प्रहरी के लिये विज्ञापन संख्या 01/2023 के तहत ली गई परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश दिया.
दरअसल बिहार विधानसभा में हो रही सुरक्षा प्रहरियों की नियुक्ति पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष औऱ मौजूदा डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा लगातार आरोप लगा रहे थे. उन्होंने इस संबंध में लिखित शिकायत भी की थी. विजय सिन्हा ने कहा कि उन्होंने विधानसभा भर्ती को लेकर महागठबंधन सरकार से पहले भी कई बार सवाल किए थे. मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र भी लिखा था. हमने इसे मीडिया के सामने सार्वजनिक भी किया लेकिन पहले कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. लेकिन जो गड़बड़ी की जा रही थी उसे अब ठीक किया गया है. भर्ती में हुई धांधली और रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए गहरी जांच होनी चाहिए.