PATNA : शराब मामले के आरोपी मंत्री रामसूरत राय़ को बचाने के लिए आज विधानसभा में सत्तारूढ़ विधायकों ने लोकतंत्र को निर्वस्त्र कर दिया. सत्तारूढ बीजेपी के विधायक वेल में उतर कर मारपीट से लेकर गालीगलौज पर उतर आये. दिलचस्प बात ये कि बीजेपी के विधायकों ने बेवजह हंगामा किया. दरअसल विधानसभा में आज सुबह से ही आरजेडी विधायकों ने मंत्री रामसूरत राय का मामला उठाया था. तेजस्वी यादव ने राजभवन मार्च किया था. बौखलाहट में बीजेपी विधायकों ने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया.
बेवजह बीजेपी विधायकों का हंगामा
दरअसल विधानसभा में आज दूसरे हाफ में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा हो रही थी. स्वास्थ्य विभाग के बजट पर तेजस्वी यादव भाषण देने के लिए खड़े हुए थे. अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने शराब शब्द का जिक्र किया. तेजस्वी ने तब किसी मंत्री या सरकार का नाम भी नहीं लिया था. लेकिन जैसे ही उन्होंने शराब शब्द का नाम लिया वैसे ही बीजेपी के विधायक उठ खड़े हुए. सत्ताधारी विधायकों ने फिर जो तमाशा किया उसने लोकतंत्र का चीरहरण कर लिया.
गालीगलौज से लेकर मारपीट तक
तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान ही बीजेपी के जनक सिंह, संजय सरावगी जैसे कई विधायकों ने भारी हंगामा कर दिया. बीजेपी विधायकों की ओर से कहा जा रहा था कि वे बुखार छुड़ा देंगे. ताबड़तोड़ अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा था. बीजेपी विधायकों के तेवर को देख कर विपक्ष पहले तो हैरान हुआ फिर राजद के विधायक भी वेल में आ गये. उन्होंने भी नारेबाजी करनी शुरू कर दी.
तब तक बीजेपी विधायकों का जत्था भी वेल में कूद पड़ा था. दोनों ओर से गालीगलौज होने लगी. हाथापाई भी हो रही थी. एक दूसरे पर घूंसे चलाये जा रहे थे. पूरा सदन शोर शराबे में डूबा था. परेशान विधानसभा अध्यक्ष ने पहले तो विधायकों को शांत करने की कोशिश की. लेकिन स्थिति संभलते नहीं देख सदन की कार्यवाही साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी मारपीट
सदन की कार्यवाही स्थगित कर विधानसभा अध्यक्ष आसन से उठ गये लेकिन विधायक वेल में जमे रहे. बीजेपी औऱ आरजेडी विधायकों के बीच जमकर गालीगलौज और हाथापाई हो रही थी. स्थिति बेकाबू होती जा रही थी. सत्तारूढ जेडीयू औऱ बीजेपी के सीनियर नेता सदन को उसी हालत में छोड़ कर बाहर निकल गये थे.
मार्शल ने विधायकों को बाहर निकाला
विधायकों के बीच मारपीट औऱ हाथापाई को देखते हुए आखिरकार मार्शल यानि विधानसभा की सुरक्षा के लिए बनाये गये दल को सदन के अंदर बुलाना पड़ा. मार्शल ने आकर एक दूसरे से उलझे विधायकों को बाहर किया. उसके बाद ही मामला शांत हुआ.