बिहार में चुनाव के दौरान हुए 493 मर्डर, 224 महिलाओं की लूटी गई इज्जत, 'सुशासन' की कहानी जानकर दंग रह जायेंगे आप

बिहार में चुनाव के दौरान हुए 493 मर्डर, 224 महिलाओं की लूटी गई इज्जत, 'सुशासन' की कहानी जानकर दंग रह जायेंगे आप

PATNA :  बिहार में इन दिनों तेजी से बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर हमलावर है. नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि को लेकर कांग्रेस और राजद लगातार सवाल उठा रही है. लेकिन आपको ये जानकार काफी हैरानी होगी कि बिहार में जब एक ओर लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा था तो दूसरी ओर राज्य के गली, चौक, चौराहों, कस्बों और शहरों में अपराधी तांडव मचा रहे थे.


बिहार पुलिस की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में 493 हत्याएं हुईं. मर्डर की घटनाओं के अलावा बिहार चुनाव के दौरान चोरी, डकैती, किडनेपिंग, बलात्कार और गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध भी बढ़ें. बिहार पुलिस ने जो नया आंकड़ा पेश किया है, उसके मुताबिक अक्टूबर महीने में 243 और नवंबर महीने में 250 मर्डर हुए. इसके अलावा अक्टूबर महीने में 138 और नवंबर महीने में 86 महिलाओं के साथ बलात्कार और गैंगरेप की घटनाएं हुईं.


अक्टूबर और नवंबर महीने में चुनाव के दौरान पटना में 32 हत्याएं हुईं. तिरहुत रेंज में सबसे ज्यादा 75 मर्डर हुए, जिसमें मुजफ्फरपुर जिले में 28 लोगों की हत्या हुई. बीते वर्ष की बात करें तो बिहार में अपराधियों ने लगभग 3000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. नवंबर महीने तक के आंकड़े के मुताबिक 1330 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं. 7000 से ज्यादा अपहरण के मामले भी सामने आएं. इसी तरह चोरी, डकैती और लूटपाट के 30000 से ज्यादा घटनाएं हुईं. 



पिछले दिनों राजधानी पटना में इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या के बाद पुलिस भी सकते हैं. नीतीश सरकार के ऊपर राज्य में बढ़ते क्राइम को लेकर चौतरफा हमला किया जा रहा है. रविवार को रुपेश सिंह के परिजनों से मिलने छपरा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि "सुशासनी गुंडों ने रूपेश सिंह की हत्या कर दी। आज रूपेश के परिवार से मिला। उनके बुज़ुर्ग पिता, पत्नी और बच्चों से आँख नहीं मिला पा रहा था। पिता चिपट कर रोने लगे। पता नहीं असंवेदनशील मुख्यमंत्री को प्रतिदिन बिहार में सैंकड़ों हत्याएँ व गुंडाराज होने के बावजूद नींद कैसे आती है?"


उन्होंने पूछा कि "क्या मुख्यमंत्री कभी ऐसी घटनाओं पर दो शब्द संवेदना के भी व्यक्त करते है? मुख्यमंत्री पल्ला झाड़ने के अलावा कुछ नहीं कर रहे है। क्या बिहार में सब अपराध भाजपा की शह पर हो रहा है? अगर नहीं तो बीजेपी दो-दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ सरकार में क्या लोगों को मरवाने के लिए बैठी है?"