PATNA : बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज यानी 25 फरवरी से शुरू हो रहा है। तकरीबन एक महीने तक चलने वाले बजट सत्र की शुरुआत आज राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण के साथ होगी। राज्यपाल फागू चौहान आज बिहार विधानमंडल पहुंचेंगे और सेंट्रल हॉल में संयुक्त सदन को संबोधित करेंगे। बजट सत्र के दौरान कुल 22 बैठकें आयोजित होंगी। सरकार की तरफ से इसी सत्र के दौरान राज्य का बजट पेश किया जाएगा। उसके पहले सदन में वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश किया जाएगा। सरकार की तरफ से बजट 28 फरवरी को सदन में पेश किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद अपना दूसरा बजट पेश करेंगे। राज्यपाल का अभिभाषण सुबह 11:30 बजे सेंट्रल हॉल में शुरू होगा जिसमें दोनों सदनों के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे। राज्यपाल के विधानमंडल परिसर से रवाना होने के बाद बिहार विधानसभा में राज्यपाल की तरफ से स्वीकृत विधायकों को सदन में रखा जाएगा। इसके बाद वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करेंगे। आज पहले दिन की कार्यवाही शोक प्रकाश के बाद सोमवार कि सुबह तक के लिए स्थगित हो जाएगी।
सोमवार यानी 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण के ऊपर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर सदन में चर्चा शुरू हो जाएगी। मंगलवार 1 मार्च को महाशिवरात्रि का अवकाश होने के कारण विधानसभा और विधान परिषद की बैठकें नहीं होंगी जबकि 2 मार्च को सदन एक बार फिर बैठेगा। 2 मार्च को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा, 3 मार्च को बजट के ऊपर वाद विवाद शुरू हो जाएगा। बजट सत्र के दौरान सरकार की तरफ से अलग-अलग विभागों से जुड़े बजट प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी साथ ही साथ सरकार सदन में कई विधेयक भी पेश करेगी। 22 मार्च को बिहार दिवस होने के कारण सदन की बैठक नहीं होगी 18 से लेकर 20 मार्च तक होली का अवकाश रहेगा।
राजकीय विधेयक के लिए विधानसभा में 28 मार्च की तारीख रखी गई है। 29 मार्च को गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे जबकि 30 मार्च को भी राजकीय विधेयक के साथ अन्य राजकीय कार्य होंगे। 31 मार्च को गैर सरकारी संकल्प के साथ बजट सत्र का समापन हो जाएगा। बजट सत्र को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में अपनी-अपनी तैयारी पूरी कर रखी है। सत्र के दौरान जनहित के मुद्दों को लेकर विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आक्रामक नजर आएगा जबकि सत्ता पक्ष की प्राथमिकता विधायी कामकाज निपटाने की होगी।