बिहार से केरल का सफर साइकिल से तय कर अर्पणा ने रच दिया इतिहास, घर लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत

 बिहार से केरल का सफर साइकिल से तय कर अर्पणा ने रच दिया इतिहास, घर लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत

DESK: 28 दिनों में 8 राज्यों की 3306 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर नालंदा की बेटी अर्पणा ने इतिहास रच दिया है। ग्रीन इंडिया अभियान पर साइकिल से निकली ग्रीन गर्ल अर्पणा जब नालंदा लौंटी तब बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर उसका जोरदार स्वागत किया गया। लोगों ने सबसे पहले आरती उतारकर नालंदा की बिटिया का स्वागत किया फिर फूलों का माला पहनाया। वही नालंदा की धरती पर कदम रखते ही अर्पणा ने अपनी माटी को नमन किया। 


14 जुलाई को बिहारशरीफ के मेघी-नगमा गांव से ग्रीन गर्ल अपर्णा और उत्पलकांत कुशवाहा ग्रीन इंडिया मिशन पर निकले थे। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर दोनों को रवाना किया था। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल राज्यों का सफर 28 दिनों में पूरा किया। 


इस अभियान के तहत अर्पणा ने लोगों को अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने का संदेश दिया। अर्पणा 2011 से स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी सक्रिय रही है। विगत वर्ष पर्वतारोही में भी उसन परचम लहराया। एथलेटिक्स,पर्वतारोही,कराटे, खो-खो और बॉक्सिंग में 60 से अधिक पदक अर्पणा अपने नाम कर चुकी हैं। ग्रीन इंडिया अभियान की सफलता के बाद नालंदा लौंटी अर्पणा का मंत्री श्रवण कुमार ने स्वागत किया। 


बिहारशरीफ लौटने के बाद अर्पणा ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यह तभी संभव होगा जब हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएंगे। विकास के नाम पर पेड़ पौधों को काटा जा रहा है जिससे पर्यावरण पर खासा असर पड़ रहा है। आज ग्लोबल वार्मिग, बिना मौसम के बरसात और बढ़ता तापमान इसी का नतीजा है। अपने इस अभियान के तहत कई राज्यों में जाकर वहां के लोगों से मिले और उन्हें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की अपील की लोगों ने भी हमें भरपुर सहयोग किया।


अर्पणा ने कहा किलोग हमारी बातों को समझे और पेड़ लगाने का वादा भी किए। हमारी सरकार और वैज्ञानिक भी इसे लेकर चिंतित हैं। बिहार सरकार भी जल-जीवन-हरियाली योजना राज्य में चला रही है। सरकार भी लोगों से पेड़ पौधे लगाने की बात कह रही है। हम आज भी लोगों को यही अपील कर रहे हैं पेड़ पौधे हैं तो हम है यदि इन्हे नुकसान पहुंचता है तो इससे प्रभावित हम ही होंगे। अधिक से अधिक पेड़ लगाए क्यों कि इन्हीं पेड़ों से हमे ऑक्सीजन मिलती है। यह बात हम सभी जानते हैं इसलिए हम आज भी यही अपील लोगों से कर रहे हैं कि पर्यावरण के बचाने के लिए पेड़ पौधे जरूर लगाएं।