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1st Bihar Published by: Updated Sat, 01 May 2021 06:56:18 PM IST
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MADHEPURA : बिहार में कोरोना को लेकर त्राहिमाम के बीच राज्य सरकार की सारी घोषणायें हवा हवाई साबित होती जा रही है. शुक्रवार को बिहार सरकार ने मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 500 बेड का कोविड डिडिकेटेड अस्पताल घोषित किया गया था. लेकिन अगले ही दिन यानि आज वहां ऑक्सीजन नहीं है का बोर्ड टांग दिया गया. अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण एक मरीज की मौत होने की खबर है. ये हालत तब है जब वहां सिर्फ 40 मरीजों का इलाज हो रहा है, सरकार उसी हॉस्पीटल में 500 मरीजों का इलाज करने का दावा कर रही है.
सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म, एक की मौत
मधेपुरा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की दोपहर ऑक्सीजन खत्म हो गया. अस्पताल में भर्ती मरीज तड़पते रहे. एक घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप रही. इस दौरान एक मरीज की मौत हो गयी. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने मौत की पुष्टि नहीं की है. लेकिन मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमित 8 मरीजों की मौत हो चुकी है.
अस्पताल में टंगा-ऑक्सीजन नहीं है का बोर्ड
मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन नहीं है का बोर्ड टांग दिया है. अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि अगर उन्हें ऑक्सीजन मिलेगा तभी वे मरीजों का इलाज कर पायेंगे. सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नये मरीजों की भर्ती बंद कर दी गयी है. बेड खाली पड़े हैं लेकिन ऑक्सीजन नहीं है जिससे मरीजों का इलाज किया जा सके.
सिर्फ 40 मरीज भर्ती हैं तब ये हाल
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार के अनुसार अभी उनके अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 102 बेड है. लेकिन सिर्फ 40 मरीज भर्ती हैं जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. 40 मरीजों के लिए हर रोज 180 सिलेंडर चाहिए. लेकिन किसी दिन जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. शनिवार को भी दोपहर बाद सिर्फ 50 ऑक्सीजन सिलेंडर आ पाया. बताया गया है कि ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर एक और गाड़ी आ रही है जो मुजफ्फरपुर से निकल चुकी है. अगर ऑक्सीजन नहीं पहुंचा तो फिर मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो जायेगा.
ऐसे हालत में सरकार बनायेगी 500 बेड का हॉस्पीटल
जिस अस्पताल में 40 मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है सरकार वहां 500 बेड का हॉस्पीटल बनाने का एलान कर रही है. मधेपुरा के मेडिकल कॉलेज में सिर्फ ऑक्सीजन की ही नहीं बल्कि डॉक्टर-पारा मेडिकल स्टाफ की भी भारी कमी है. सरकार सिर्फ घोषणायें कर के अपना काम पूरा कर ले रही है.
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि 500 बेड का अस्पताल चलाने के लिए जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन देना होगा. अस्पताल प्रशासन ये आंकडा तैयार कर रहा है कि 500 बेड के अस्पताल के लिए उसे कितना ऑक्सीजन औऱ दूसरी सुविधायें चाहिये. इससे सरकार को अवगत कराया जायेगा.