1st Bihar Published by: Updated Thu, 28 May 2020 06:05:01 PM IST
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PATNA: तेजस्वी यादव ने फर्स्ट बिहार से बातचीत करते हुए कहा कि बाकी राज्यों के सीएम लॉकडाउन के बीच बाहर निकले और जायजा लिया, लेकिन बिहार के सीएम आवास से बाहर तक नहीं निकले. सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ही पूरा लॉकडाउन उनका बीत गया. जब बाहर नहीं निकलेंगे तो कैसे क्वॉरेंटाइन सेंटर की सुविधा का जाएगा लेंगे.
बिहार में अपराधियों को बोलबाला
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है. यहां के डीजीपी कहते हैं कि कोई मुझे ही गोली मार देगा तो क्या कर सकते हैं. बिहार में तो दारोगा की हत्या कर दी जाती है. यहां पर कोई अपराधी पकड़ा जाता नहीं है. यहां पर सिर्फ सरेंडर होता है.
बिहार पुलिस ने लोगों का उठा भरोसा
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार पुलिस से लोगों का भरोसा उठ गया है. पुलिस का पुराना विभाग की शराब सुंघने में लग गई है. अपराधियों को पकड़ा नहीं जाता है. छपरा में हंगरी के नागरिक का कपड़ा और सामान तक चुरा लिया. इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है. हॉस्पिटल में रेप हो रहा है. आखिर कब तक बर्दास्त किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी है फटकार
तेजस्वी ने कहा कि इससे भी मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर जो बिहार पुलिस धारा लगाई थी तो सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी और पॉक्सो एक्ट लगाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने तो यहा तक कह दिया था कि बिहार में जंगल राज है. गोपालगंज में एक जुलूस में खुलेआम लोगों को गोली मारने की धमकी दी जा रही है.
ट्वीट करते हैं तो होती है परेशानी
तेजस्वी यादव ने कहा किअगर ट्वीट करते हैं तो परेशानी होती है. अगर बाहर निकलते हैं तो भी सरकार को परेशानी हो रही है तो क्या हम हत्या होते रहते देखे. हत्या तो सभी जाति के लोगों को हो रही है. बक्सर में आरजेडी छात्र नेता की हत्या हुई, राघोपुर में हत्या हुई. गोपालगंज में ट्रिपल मर्डर हुआ है. ऐसे में हम कैसे घर में बंद रह सकते हैं.
सरकार की मानसिकता गरीब विरोधी
तेजस्वी बोले कि लोगों को सोचना होगा कि वह किस तरह की सरकार को चुने है. ट्रिपल मर्डर का आरोपी जेडीयू पप्पू पांडेय को गिरफ्तार तक नहीं किया जा रहा है. ये सरकार जंगल राज का उदाहरण देती है, लेकिन ये सरकार क्या कर रही है उस पर ध्यान नहीं देती है. सीएम नीतीश कुमार अपने जिम्मेवारियों को भूल जा रहे हैं. लॉकडाउन में सरकार की नितियां बदलती रहती है. अमीरों के लिए कुछ और तो गरीबों के लिए कुछ और नीति हैं.
पिता की चिंता लगी रहती
तेजस्वी ने कहा कि पिता की चिंता हमेशा लगी रहती है. उनको कई बीमारी है. कई उनको ऑपरेशन हो चुके हैं. कोरोना को लेकर भी डर बना रहता है. लेकिन कानूनी लड़ाई है. उसको कानून से ही लड़ा जाएगा. फिर भी इनकी स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहती है.