PATNA : बिहार के किसी प्रखंड में बीडीओ के तौर पर तैनात अधिकारी कितना पावरफुल हो सकता है. अगर ये देखना है तो पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड के बीडीओ को देख लीजिये. बीडीओ साहब ने पैक्स चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से भेजे गये पर्यवेक्षक को ही औकात में रहने की धमकी दे डाली है. पर्यवेक्षक बनाये गये अधिकारी ने आलाधिकारियों से बीडीओ साहब के कारनामे की जानकारी दे दी है. लेकिन जांच-जांच का ही खेल चल रहा है.
बीडीओ का पावर
दरअसल राज्य में अभी पैक्स चुनाव चल रहे हैं. पश्चिम में पैक्स चुनाव के लिए निर्वाचन प्राधिकार ने मोतिहारी के अपर अनुमंडल पदाधिकारी सुमन कुमार को पर्यवेक्षक बनाया. लेकिन जब वे चुनाव का हाल जानने गये तो पाला बीडीओ से पड़ गया. बीडीओ ने पर्यवेक्षक के साथ वो सलूक किया जिसकी कल्पना उन्होंने नहीं की थी.
मोतिहारी के अपर अनुमंडल पदाधिकारी सुमन कुमार ने प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे गये पत्र में कहा है कि पैक्स चुनाव के लिए उन्हें पश्चिम चंपारण का पर्यवेक्षक बनाया गया है. सरकार द्वारा दिये गये काम को पूरा करने के लिए सुमन कुमार ने लौरिया प्रखंड के बीडीओ से संपर्क साधने की कोशिश की. सुमन कुमार ने कहा है कि वे लगातार लौरिया बीडीओ के सरकारी और निजी नंबर पर फोन करते रहे लेकिन बीडीओ ने फोन तक नहीं उठाया. आखिरकार वे दो-तीन फरवरी खुद लौरिया प्रखंड कार्यालय गए. वहां कर्मचारियों ने बताया कि बीडीओ छुट्टी पर गए हैं. किसी कर्मचारी ने ये नहीं बताया कि बीडीओ कब तक छुट्टी पर हैं और कब वापस लौटेंगे.
पर्यवेक्षक सुमन कुमार ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि पांच फरवरी को उन्होंने फिर से बीडीओ के सरकारी नंबर पर फोन किया गया तो फोन नहीं उठाया गया. फिर बीडीओ ने निजी फोन से उन्हें कॉल किया और कहा कि वे किसी ऑब्जर्वर को नहीं मानते. बीडीओ ने कहा कि पर्यवेक्षक अपना ओहदा देखकर बात करें, बीडीओ ने खुद को पर्यवेक्षक से सीनियर पदाधिकारी बताया. आब्जर्वर सुमन कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि बीडीओ ने कहा कि वह जैसे चाहे वैसे चुनाव संपन्न करायेंगे, इसमें किसी पर्यवेक्षक की कोई बात नहीं सुनेंगे. आब्जर्वर सुमन कुमार ने आयुक्त और निर्वाचन प्राधिकार को लिखे पत्र में कहा है कि बीडीओ ने उन्हें अपमानित किया और उनके निर्देशों का लगातार उल्लंघन किया.
आयुक्त ने दिया जांच का आदेश
पैक्स चुनाव में कई बीडीओ की भूमिका को लेकर सवाल उठे हैं. लौरिया के बीडीओ पर तो आब्जर्वर ने गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है. उनकी शिकायत मिलने के बाद प्रमंडलीय आयुक्त ने पश्चिम चंपारण के डीएम को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त ने डीएम से कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है.