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करप्शन का खेल..! पथ निर्माण विभाग के एक प्रमंडल में 'करोड़ों' का फर्जीवाड़ा, ...और कार्यपालक अभियंता-अधीक्षण अभियंता हो गए सेट, चुप्पी के क्या हैं मायने ?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 07 Dec 2024 12:37:36 PM IST

करप्शन का खेल..! पथ निर्माण विभाग के एक प्रमंडल में 'करोड़ों' का फर्जीवाड़ा, ...और कार्यपालक अभियंता-अधीक्षण अभियंता हो गए सेट, चुप्पी के क्या हैं मायने ?

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Bihar News: सुशासन राज में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है. अधिकारी और इंजीनियर दोनों हाथ से माल बना रहे. माल कमाने के लिए तरह-तरह के हथकंडा अपना रहे. पथ निर्माण विभाग के एक अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता ने तो बड़ा खेल किया है. ठेकेदार से माल वसूलने के लिए पड़ोसी राज्य के एक जिले के खनन अधिकारी से पत्राचार किया, जवाब मिला उससे आरसीडी के अभियंताओं की पौ-बारह हो गई. बताया जाता है कि पत्र से करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ है. हालांकि माल खाने के बाद पथ निर्माण विभाग के जिम्मेदारी इंजीनियर मामले को दबाए बैठे हैं. शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही.  

करोड़ों का हुआ है खेल...होंगे बेनकाब

जानकार बताते हैं कि खनन कार्यालय से पत्र का जवाब मिलते ही पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने ठेकेदार से सौदा कर लिया. यह भी बताया जाता है कि खेल 10 करोड़ रू से अधिक का है. ठेकेदार को बचाने के लिए  कार्यपालक अभियंता-अधीक्षण अभियंता ने करोड़ों रू वसूल लिए हैं. खबर है कि इंजीनियरों ने ठेकेदार से कई महंगी गाड़ियां ली है.

फर्जी पत्र पर एक्स्ट्रा कैरेड कॉस्टलिया गया 

बता दें, पथ निर्माण विभाग का एक प्रमंडल जो मगध क्षेत्र में है, वहां करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है. झारखंड के एक जिले के खनन कार्यालय का फर्जी पत्र लगाकर करोड़ों का एक्स्ट्रा कैरेज कॉस्ट का भुगतान करा लिया है. यह खेल कुछ समय पहले का है. 6 अगस्त 2024 को कार्यपालक अभियंता ने झारखंड के खनन कार्यालय को पत्र लिखा था. जवाब 8 अगस्त 2024 को मिला. खनन कार्यालय ने इस संबंध में स्पष्ट कर दिया कि जिन पांच पत्रों की सत्यता के बारे में पूछ रहे, वे उनके कार्यालय से जारी नहीं हुआ है. यानि जिस पत्र के आधार पर ठेकेदार को भुगतान कर राजा बना दिया गया, वह पत्र ही फर्जी है. यानि चारा घोटाले की तर्ज पर मगध इलाके के एक पथ प्रमंडल में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रू की निकासी की गई है. हालांकि इस खेल का खुलासा हो गया है. लेकिन जिम्मेदार कार्यपालक अभियंता और अधीक्षण अभियंता इस मामले में चुप हैं. चुप क्यों हैं...? आप खुद समझ सकते हैं. वैसे, बता दें..इस खेल का खुलासा होकर रहेगा. सारे खिलाड़ी बेनकाब होंगे.  

विवेकानंद की रिपोर्ट