PATNA: बिहार में करीब 8 साल से पूर्ण शराबबंदी है। शराब पीना और बेचना मना है। ड्रोन की मदद से उत्पाद विभाग अवैध शराब का पता लगाने में जुटी है। वही अब इस ड्रोन का इस्तेमाल पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए किया जाएगा। ड्रोन की मदद से खेतों की निगरानी रखी जाएगी। जो भी किसान धान कटाई के बाद पराली को जलाएंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखकर सरकार ने उत्पाद विभाग के ड्रोन का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।
बता दें कि मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ड्रोन की मदद से अवैध शराब की तस्करी पर नजर रखती है। अब पराली जलाने के मामलों पर भी नजर रखेगी। ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि धान की कटाई शुरू होने के बाद पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं। जिसे रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार उत्पाद विभाग के ड्रोन की मदद लेगी। ऐसा कर बढ़ते वायु प्रदूषण को रोका जा सकेगा।
बता दें कि बिहार के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बिगड़ने लगा है। आज पटना का औसत AQI खतरनाक से खराब श्रेणी के बीच पहुंच गया। यहां औसत AQI 248 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है। वही दानापुर डीआरएम कार्यालय के आस-पास में AQI 298 दर्ज किया गया। हाजीपुर में तो AQI 400 के पार चला गया है। यहां हवा में प्रदूषण घातक श्रेणी में पहुंच चुका है।
ऐसी हवा में सांस लेना भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। लेकिन सिर्फ हाजीपुर ही नहीं बल्कि बिहार के कई जिलों में प्रदूषित हवा से हाहाकार मचा हुआ है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अवेयरनेंस प्रोग्राम चलाने को कहा गया है। संवेदनशील जिलों के डीएम ने तो पराली जलाने के खिलाफ मुहिम भी शुरू कर दी है। पराली जलाने वाले क्षेत्रों की निगरानी अब ड्रोन की मदद से की जाएगी और जो भी पराली जलाते पाए जाएंगे उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।