Bihar News: लाल पानी पीकर फंस गये एक बड़े साहब, सुबह सरकारी डस्टबीन तलाशते मिले, जानिये क्या है पूरा माजरा?

Bihar News: लाल पानी पीकर फंस गये एक बड़े साहब, सुबह सरकारी डस्टबीन तलाशते मिले, जानिये क्या है पूरा माजरा?

PATNA: बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है. लेकिन हकीकत क्या है, ये राज्य का हर आदमी जान रहा है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तो लगातार कहते रहे हैं कि राज्य के ज्यादातर बड़े अधिकारी और नेता रोज शराब पीते हैं लेकिन उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं है. अब बिहार के सत्ता के गलियारे में एक बड़े अधिकारी की चर्चा आम है, जो गला तर करने के बाद अपनी ही करतूत से फंस गये।


साहब को लाल पानी मंहगा पड़ा

बिहार सचिवालय में अधिकारियों औऱ कर्मचारी एक कहानी बड़े चटखारे लेकर सुना रहे हैं. ये कहानी है देश के सबसे प्रमुख सेवा से आने वाले एक अधिकारी की. वे राज्य मुख्यालय में ही तैनात भी हैं. साहब अक्सर लाल पानी से गला तर कर लेते हैं. लेकिन इस बार नशा चढ़ने के बाद भारी गड़बड़ कर बैठे. हालत ये हुई कि उन्हें सुबह उजाला होने से पहले सरकारी डस्टबीन का खंगालना पड़ा.


जो चर्चा हो रही है उसके मुताबिक साहब ने रात में गला तर किया औऱ फिर खाली बोतल को ठिकाने लगाने का जुगाड़ भी कर लिया. उन्होंने घर में मौजूद एक डब्बे में खाली बोतल को डाला और आवास से थोड़ी दूर पर रखे गये सरकारी कूड़ेदान यानि डस्टबीन में डाल आये. बोतल ठिकाने लगाने के बाद साहब जब वापस घर में लौटे तो उन्हें अचानक से याद आया कि वे तो ऐसी गलती कर बैठे हैं जिससे भारी मुसीबत में पड़ सकते हैं.


अमेजॉन के डब्बे में पैक कर दिया था बोतल

चर्चा के मुताबिक साहब ने जिस खाली डब्बे में बोतल को डालकर फेंक दिया था, वह डब्बा उन्हें भारी मुसीबत में फंसा सकता था. दरअसल वह डब्बा ऑनलाइन डिलेवरी कंपनी अमेजॉन से आया था. उसके भीतर का सामान निकाल लिया गया था औऱ डब्बा खाली पड़ा था. लेकिन डब्बे के उपर साहब का नाम-पता से लेकर मोबाइल नंबर तक छपा हुआ था. साहब नाम-पता हटाये बगैर उसी डब्बे में बोतल रखकर फेंक आये थे. 


सुबह-सुबह कूड़ेदान खंगाला

साहब को जब तक इस बात का आभास हुआ कि वे कितनी बड़ी गलती कर बैठे हैं, तब तक बहुत रात हो चुकी थी. उस वक्त जाकर कूड़ेदान खंगालना संभव नहीं था. लिहाजा साहब को पूरी रात नींद नहीं आय़ी. लाल पानी का सुरूर तो ऐसे उतरा था कि पूछिये मत. पूरी रात साहब जागते रहे. जैसे ही सुबह का हल्का उजारा हुआ, वैसे ही साहब घर से निकल कर कूड़ेदान के पास पहुंच गये. कूड़ेदान को खंगाला और उसमें से वह डब्बा निकाला, जिसे पिछली रात फेंका था. साहब ने आनन फानन में उस डब्बे के उपर लगा अपने नाम-पता वाले कागज को उखाड़ा और उसके टूकड़े-टूकड़े किये. उसके बाद उन्हें चैन आया. अब फंसने का चांस नहीं है.


साहब का ये हाल चर्चा का विषय बना हुआ है. राज्य सचिवालय में इसकी खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, खबर भी दिलचस्प तरीके से फैली. साहब ने अक्सर अपने साथ बैठकी करने वाले एक साथी को ये वाकया बता दिया. उनके दोस्त ने ये बात कुछ औऱ लोगों को बतायी और कानो-कान ये मामला सैकड़ों लोगों तक पहुंच गया. वैसे साहब सेफ हैं, क्योंकि बोतल तो ठिकाने लग चुकी है. उसका साहब से लिंक स्थापित कर पाना अब मुमकिन नहीं है.