Bihar Model Strategy : बिहार जीत के बाद बीजेपी का ‘थैंक्यू डिनर’: स्पेशल 45 नेताओं का सम्मान, आगे की रणनीति पर होगी चर्चा Wedding Postponed: "प्री-वेडिंग, हल्दी-मेहंदी...", क्यों टूटी पलाश मुच्छल और स्मृति मंधाना की शादी, आई असली वजह सामने IRCTC होटल करप्शन केस: राबड़ी देवी की ट्रांसफर याचिका पर कोर्ट का नोटिस, इस दिन होगी अगली सुनवाई Bihar Train: रेलयात्रियों के लिए बड़ी खबर, यात्रा से पहले जान लें किन नियमों में हो गया बदलाव; कुछ ट्रेनें भी हुई रद्द Bihar Nasha Mukti : : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारवासियों को हर प्रकार के नशे से दूर रहने का दिया संदेश,कह दी यह बातें Bihar elevated road : दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड का कितना हुआ काम..आवागमन कब होगा शुरू? देखने को CM नीतीश खुद पहुंच गए... Nitish Kumar cabinet : राबड़ी देवी का बंगला किस मंत्री को मिलेगा? जानें अब कौन किस पते पर रहेगा Bihar school accident : स्कूल जा रही छात्राओं को तेज रफ्तार ट्रक ने उड़ाया, 200 मीटर घसीटते हुए ले गया; सड़क जाम और आगजनी Maruti Suzuki Swift: बजट और माइलेज का बेस्ट कॉम्बिनेशन, 10 महीनों में इतने लाख घरों तक पहुँची यह कार RJD review meeting : राजद ने शुरू की चुनावी हार की मंथन प्रक्रिया, 26 नवंबर से 9 दिसंबर तक चलेगी समीक्षा बैठकें
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 09 Oct 2024 09:05:26 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में मंदिरों औऱ मठों को संचालित करने की जिम्मेवारी अपराधिक छवि के बाहुबलियों को सौंपी जा रही है. मंदिर औऱ मठ पर बिहार सरकार की संस्था धार्मिक न्यास बोर्ड का नियंत्रण होता है. धार्मिक न्यास बोर्ड ऐसे लोगों को प्रबंधन कमेटी में शामिल कर रहा है, जिनकी छवि दागदार है. पटना हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसका पैमाना तय कर दिया है कि कैसे लोग मंदिर संचालन कमेटी के सदस्य बनाये जा सकते हैं.
पटना के एक प्रमुख मंदिर से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. दरअसल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने पटना के मारूफगंज स्थित बड़ी देवी जी मंदिर के संचालन के लिए प्रबंधक न्यास समिति का गठन किया था. इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया गया था, जिनकी छवि दागदार थी. धार्मिक न्यास बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ प्रहलाद कुमार यादव समेत अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.
हाईकोर्ट में जस्टिस राजीव रॉय की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के बाद पटना सिटी के बड़ी देवीजी मंदिर के मौजूद प्रबंधक न्यास समिति को भंग करने और इसे फिर से गठित करने का आदेश दिया है. धार्मिक न्यास बोर्ड के साथ साथ पटना के जिलाधिकारी को इस फैसले को अमल में लाने को कहा गया है.
अखबार में विज्ञापन निकलवायें
पटना हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि मंदिर और मठ की प्रबंधन समिति में लोगों के चयन के लिए राज्य सरकार पहले अखबारों में विज्ञापन निकलवाये. संबंधित जिले के डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी, अखबार में प्रकाशित विज्ञापन में आए इच्छुक नागरिक के अपराधिक इतिहास की पड़ताल कर बोर्ड को अनुशंसा भेजेंगे. उसके आधार पर ही न्यासियों का चयन किया जाएगा.
दागदारों को सौपी जा रही मंदिर की जिम्मेवारी
जस्टिस राजीव रॉय की बेंच ने बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और कहा कि बोर्ड लगातार आपराधिक छवि के लोगों को न्यासी नियुक्त कर रहा है. इससे धार्मिक स्थानों की छवि खराब हो रही है. कोर्ट ने फैसला दिया है कि बोर्ड अब किसी को भी न्यास समिति का सदस्य बनाने के लिए केवल उन्हीं नामों पर विचार करेगा, जो संबंधित जिले के डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी भेजेंगे. इसके लिए पहले अखबार में विज्ञापन प्रकाशित कराया जायेगा. उसमें जो लोग मंदिर प्रबंधक समिति में शामिल होने के लिए इच्छुक होंगे उनके अपराधिक इतिहास की जांच पड़ताल होगी. डीएम और एसडीएम जिन लोगों का नाम भेजेंगे, उन्हीं को मंदिर या मठ के प्रबंधक समिति का सदस्य बनाना होगा.