बिहार: नदीं में डूबने से 4 की मौत, भागलपुर और मुंगेर में हादसा

बिहार: नदीं में डूबने से 4 की मौत, भागलपुर और मुंगेर में हादसा

BHAGALPUR: भागलपुर में गंगा नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। दोनों रिश्ते में जीजा और साला बताये जा रहे हैं। वही मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान 7 युवक गंगा में डूब गये। जिन्हे स्थानीय लोगों ने बचाने की कोशिश की। इस दौरान 4 युवकों को गमछे के सहारे बचा लिया गया लेकिन 3 युवकों की डूबने से मौत हो गयी। दो युवकों का शव बरामद किया गया है जबकि एक अब भी लापता है। जिसकी खोजबीन जारी है। 


सबसे पहले बात भागलपुर की करते हैं जहां दो युवकों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी। घटना के संबंध में बताया जाता है कि पूर्णिया के भित्तता गांव निवासी प्रमोद मंडल के 23 वर्षीय बेटे नवनीत कुमार अपनी बहन के ससुराल भागलपुर आया हुआ था जहां सुबोध मंडल के 25 वर्षीय बेटे राहुल के साथ आमापुर स्थित गंगा नदी में नहाने गया हुआ था और गहरे पानी में जाने से दोनों नदी में डूब गये और दोनों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी है। घटना से परिजनों को बीच कोहराम मचा हुआ है परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि चैती छठ के मौके पर नवनीत अपनी बहन के ससुराल आया हुआ था। जहां अपने बहनोई के भाई के साथ गंगा में नहाने चला गया जहां दोनों की डूबने से मौत हो गयी। घटना के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। 


वही दूसरी घटना मुंगेर की है जहां मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान सात युवक गंगा नदी में डूब गये। इस दौरान तीन युवक नदी में डूब गये जबकि 4 को बचा लिया गया है। दो युवकों की लाश मिल चुकी है जबकि एक का शव अब तक नहीं मिला है जिसकी खोजबीन जारी है। घटना मुंगेर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के दुरमट्टा घाट की है। घटना बुधवार की दोपहर 12 बजे की बतायी जा रही है। जहां प्रतिमा विसर्जन करने के लिए युवकों की टोली घाट पर पहुंची थी। इसी दौरान सात युवक नदी में डूब गये जिसमें तीन की मौत हो गयी है। 


मृतक की पहचान बिंदवाड़ा निवासी 27 वर्षीय ऋषभ राज, 22 वर्षीय अमरजीत कुमार के रूप में हुई है। जबकि 26 वर्षीय मोनू सिंह का पता अब तक नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि अमरजीत ने सिपाही भर्ती परीक्षा पास कर ली थी। कुछ दिन बाद वह ड्यूटी ज्वाइन करने वाला था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर थी। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने भागलपुर-पटना मार्ग को दुर्मटा के पास जाम कर दिया और जमकर हंगामा मचाया। लोगों का आरोप था कि मूर्ति विसर्जन के दौरान गंगा घाट पर गोताखोर की तैनाती नहीं की गयी थी। जिसके कारण युवकों की डूबने से मौत हो गयी। यही गोताखोर घाट पर मौजूद रहते तो शायद युवकों को बचाया जा सकता था।