PATNA : पटना में भाकपा माले ने चुनाव परिणाम के बाद प्रेसवार्ता का आयोजन किया. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार की जनता को धन्यवाद् दिया और कहा कि जनता के अंदर बदलाव का जबरदस्त संकल्प था. सरकार को बदलने के लिए बिहार की जनता और खासकर मतदाताओं की नई पीढ़ी का आक्रोश पूरे चुनाव दिखा. भाजपा-जदयू की लाख कोशिशों के बावजूद बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों के मुद्दे, स्कीम वर्करों-शिक्षकों के स्थायीकरण आदि सवाल चुनाव के केंद्र में रहे. इस बार जनता ने चुनाव का एजेंडा सेट किया, जो इस चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि है.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ सीटों पर बहुत कम मार्जिन से हार के कारण परिणाम थे हालांकि एनडीए के पक्ष में सीट चली गई. लेकिन आज की तारीख में इतना मजबूत विपक्ष कहीं नहीं दिखेगा. भाजपा की विपक्ष मुक्त लोकतंत्र बनाने की जो साजिश है, उसके खिलाफ बिहार की जनता ने इस चुनाव में एक जबरदस्त दावेदारी निभाई है. कोरोना, लॉकडाउन और अत्यंत विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए बिहार ही जनता ने इस चुनाव को एक जनांदोलन में बदल दिया. आने वाले दिनों में बंगाल, असम व अन्य सभी चुनावों में यह एक महत्वूपर्ण प्रेरक का काम करेगा. बिहार की जनता ने पूरे देश को मुद्दों पर चुनाव लड़ना सिखाया है. अब इन सवालों को अन्य दूसरे राज्यों के चुनाव का भी एजेंडा बना देना होगा.
उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव परिणाम की तुलना 2015 के चुनाव से करने की बजाए 2010 के परिणाम से करना चाहिए. 2010 में केंद्र में यूपीए की सरकार थी, मोदी-अमित शाह जैसी कोई परिघटना नहीं थी. तब भाजपा-जदयू ने सर्वोच्च प्रदर्शन किया था. और आज 2020 में वे किसी प्रकार सरकार बना रहे हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा व नीतीश के खिलाफ कितना जनता में गहरा आक्रोश है. अंत में उन्होंने बिहार की जनता, महागठबंधन के सभी घटक दलों और पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि जो कसर इस बार रह गई है, उसको आगे आने वाले दिनों में मुकम्मल करना है.
राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि जनता ने हमारी पार्टी पर भरोसा जताया है. हमारी पार्टी व हमारा विधायक दल उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा. विधानसभा के अंदर हो या बाहर की बात, हम अपने आंदेालनों को तेज करेंगे. यह भी कहा कि 16 नवंबर को पोलित ब्यूरो और 17 नवंबर को राज्य कमिटी की बैठक पटना राज्य कार्यालय में होगी. बैठक में विधायक दल का गठन व आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा होगी.