बिहार में साइबर क्राइम की हर दिन सैकड़ों शिकायत, पूर्व डीआईजी से जुड़े केस में पहली बार दिखा एक्शन

बिहार में साइबर क्राइम की हर दिन सैकड़ों शिकायत, पूर्व डीआईजी से जुड़े केस में पहली बार दिखा एक्शन

PATNA : बिहार में साइबर क्राइम से जुड़े हर दिन सैकड़ों शिकायत अलग-अलग जिलों में दर्ज होती है लेकिन ज्यादातर मामलों में कोई एक्शन होता नजर नहीं आता। साइबर क्राइम को लेकर बिहार पुलिस उस तरह से सक्रिय नजर नहीं आती जैसा अन्य राज्यों में देखने को मिलता है लेकिन मामला एक पूर्व डीआईजी से जुड़ा हो तो पटना पुलिस तुरंत एक्शन में आ जाती है। जी हां, पटना पुलिस ने एक पूर्व डीआईजी से ठगी के मामले में झारखंड के जामताड़ा से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस तरह का एक्शन संभवतः पहली बार देखने को मिला है।


झारखंड के जामताड़ा स्थित पारटोल गांव से पटना पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को अरेस्ट किया है। स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार करने के बाद चारों को जामताड़ा जेल भेजा गया है। उनपर जामताड़ा में भी साइबर फ्रॉड के कई केस दर्ज हैं। इन शातिरों ने पटना के गर्दनीबाग में रहने वाले पूर्व डीआईजी उमाशंकर प्रसाद को बिजली कनेक्शन कटने का डर दिखाकर उनके खाते से एक लाख 11 हजार रुपए उड़ाए लिए थे। पुलिस ने जिन साइबर अपराधियों को अरेस्ट किया है उनमें गोविंद मंडल, राजगीर मंडल, वीरू मंडल और सुभाष मंडल शामिल है। उनके से पुलिस ने 1.25 लाख रुपए, 13 मोबाइल, 18 सिम, आधार कार्ड और चेकबुक बरामद किया है। 10 सिम कार्ड दूसरे के नाम पर हैं। चारों को पटना पुलिस रिमांड पर लेकर आएगी और पूछताछ करेगी। 


जामताड़ा में गिरफ्तार इन शातिरों का बड़ा गिरोह है। इन सबों के पास कीमती स्मार्ट फोन हैं। सूत्रों की मानें तो बिहार के 50 से अधिक लोगों को बिजली कनेक्शन कटने, केवाईसी अपडेट करने, खाता व एटीएम अपडेट करने के साथ ही लॉटरी लगने और केबीसी में नाम आने का झांसा देकर एक करोड़ से अधिक की चपत लगाई है। इन शातिरों ने नंबर प्राइवेट एजेंसी से हासिल की है। इन साइबर अपराधियों के गिरफ्तारी के बाद इतना जरूर कहा जा सकता है कि पूर्व डीआईजी के मामले में पुलिस ने जो मुस्तैदी दिखाई उसकी वजह से कम से कम दूसरे मामलों का उद्भेदन भी हो जाएगा।