PATNA : बिहार में सेक्सटॉर्शन के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। आपको बताते हैं कि सेक्सटॉर्शन होता क्या है.. किसी स्मार्टफोन वाले शख्स को एक वीडियो कॉल आती है। वीडियो कॉल रिसीव होने पर सामने से एक लड़की आपत्तिजनक स्थिति में नजर आती है। लड़की को देखकर फोन वाले शख्स की दिलचस्पी बढ़ती है और वह उस वीडियो कॉल पर बना रहता है। थोड़ी देर बाद वीडियो कॉल कट हो जाती है और उसके बाद शुरू होता है असल खेल। आपको फोन कॉल आने शुरू होते हैं, आपसे पैसे की डिमांड की जाती है और अगर आप पैसे देने से मना करते हैं तो आपको यह धमकी दी जाती है कि आपत्तिजनक वीडियो कॉल के दौरान ली गई स्क्रीनशॉट वायरल कर दी जाएगी। इस स्क्रीनशॉट में न्यूड लड़की के साथ-साथ फोन वाले शख्स का चेहरा भी नजर आता है। ऐसे में इज्जत बचाने के लिए लोग सेक्सटॉर्शन के खिलाड़ियों के जाल में फंस जाते हैं और उन्हें रकम देना शुरू कर देते हैं। बिहार में ऐसे मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है लेकिन हैरत की बात यह है कि शोषण का शिकार होने वाले लोग पुलिस के पास नहीं पहुंच रहे।
बिहार में सेक्सटॉर्शन को लेकर पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि हर दिन राज्य के अंदर तकरीबन 10 ऐसे केस मिल रहे हैं। फिलहाल महीने में इन केसों की संख्या 300 से 350 के आसपास है। लेकिन जानकार मानते हैं कि यह आंकड़ा केवल उन 10 फीसदी पीड़ित लोगों का है जो धमकी मिलने के बाद या पैसे देने के बावजूद बार-बार की डिमांड से परेशान होकर पुलिस के पास से पहुंचते हैं। सबसे खास बात यह है कि सेक्सटॉर्शन रैकेट का शिकार स्कूल में पढ़ रहे स्टूडेंट से लेकर रिटायर हो चुके बुजुर्गों तक को बनाया जा रहा है। लड़की की आकर्षक के प्रोफाइल को देख कर वीडियो कॉल उठा लेना गले की फांस बन रहा है।
जानकार बताते हैं कि सेक्सटॉर्शन रैकेट को चलाने वाले साथी वीडियो कॉल के लिए ऐप का इस्तेमाल करते हैं। इस ऐप के जरिए ही वीडियो कॉल की जाती है, आपको ऐसा लगता जरूर है कि सामने कोई लड़की है और वह आपके सामने न्यूड है लेकिन हकीकत में एक वीडियो ऐप के जरिए प्री रिकॉर्डिंग वीडियो फुटेज होता है। सामने वाला न्यूड वीडियो में दिलचस्पी ले रहा होता है तो उसी न्यूड वीडियो के साथ उसके चेहरे का स्क्रीनशॉट ले लिया जाता है और तब शुरू होता है वसूली का खेल। सेक्सटॉर्शन से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। जैसे अगर आपके मोबाइल पर किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आ रहा है तो इसे ना उठाएं। अगर उठाएं भी तो कैमरा का मोड बदल दें या अपने कैमरे पर उंगली रख दें। अपना चेहरा दिखाने की बजाय बैक कैमरा का यूज़ करें ताकि आपको मालूम पड़ जाए कि सामने वाला कहीं आपको सेक्सटॉर्शन का शिकार तो नहीं बनाना चाहता। बिहार में सेक्सटॉर्शन के तेजी के साथ बढ़ते आंकड़े पुलिस के लिए अब सिरदर्द बनने लगे हैं लेकिन साइबर सेल जैसे यूनिट भी इस तरह के मामलों में ज्यादा कुछ कर पाने में सक्षम नहीं है। सेक्सटॉर्शन रैकेट का वसूली प्लान भी बड़ा दिलचस्प है, शुरुआती डिमांड एक लाख होती है लेकिन बाद में यह आंकड़ा 10000 या 5000 तक जा पहुंचता है। अगर गिरोह के लोगों को यह लगता है कि सामने वाला बड़ी रकम देने में सक्षम नहीं है तो फिर मिनिमम पर भी डील कर दी जाती है लेकिन इसके लिए पूरा प्रेशर टैक्ट इस्तेमाल किया जाता है।