SUPAUL: बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की बदनसीबी देखने को मिली है जहाँ सड़क दुर्घटना में घायल मरीज का इलाज प्राइवेट चिकित्सक ने किया। दरअसल त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के डुमरिया के पास दो बाइक सवार की आमने सामने की टक्कर में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से तीनों को त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ.उमेश कुमार मंडल और इनकी टीम ने सभी का इलाज शुरू किया लेकिन इसी दौरान घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे एक निजी यूनानी चिकित्सक डॉ.रविन्द्र कुमार दास अस्पताल के ओटी पहुंचे और वहाँ पेसेंट का उपचार करना शुरू किया और वहाँ मौजूद सरकारी चिकित्सक अस्पताल से बाहर निकल गए।
जिसके बाद एक घायल मरीज का प्राइवेट चिकित्सक डॉ.रविन्द्र कुमार दास ने उपचार किया और वहाँ मौजूद अन्य स्वास्थ्य कर्मी नर्स सभी सरकारी चिकित्सक की अस्सिटेंट के तरह निजि चिकित्सक डॉ.रविन्द्र कुमार दास का पेसेंट का प्राथमिक उपचार करने में उनकी मदद करने लगे।
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज कुमयाही निवासी धीरज यादव का 15 वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार,रामचंद्र यादव का 20 वर्षीय पुत्र बादशाह कुमार और मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना क्षेत्र के हरिराहा जीतपुर निवासी रामचरण दास के 30 वर्षीय पुत्र ललन कुमार तीनों अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. उमेश कुमार मंडल ने बेहतर ईलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया है।
सरकारी अस्पताल में निजी चिकित्सक डॉ.रविन्द्र कुमार दास द्वारा इस सड़क दुर्घटना में जख्मी पेसेंट ललन कुमार का प्राथमिक उपचार करने के मामले को लेकर जब निजी यूनानी चिकित्सक डॉ.रविन्द्र कुमार दास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पेसेंट ललन कुमार उर्फ अरुण कुमार मेरा ममेरा भाई है। हम उसको देखने आए तो उनका खून बहुत ज्यादा बह रहा था जिसे रोकने के लिए हमें भी लगना पड़ा।इसमें सरकारी या प्राइवेट से कुछ नहीं होता है आपको वीडियो बनाना है तो बनाइये आराम से हमको कोई दिक्कत नहीं है।
वहीं इस मामले पर जब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ.उमेश कुमार मंडल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में जख्मी तीन लोगो को यहाँ लाया गया जिसकी स्थिति गंभीर थी जिसे प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज के लिए मेडिकल कॉलेज एन्ड अस्पताल मधेपुरा रेफर कर दिया गया है तो वहीं निजी चिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार करने की बात पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा ट्रीटमेंट नहीं किया गया बल्कि सहारा दिया गया।
बहरहाल वीडियो में सरकारी अस्पताल के ओटी में प्राइवेट चिकित्सक से प्राथमिक उपचार करने का वाक्या साफ साफ देख सकते है कि किस तरह एक यूनानी चिकित्सक एक सड़क दुर्घटना में जख्मी पेसेंट का प्राथमिक उपचार कर रहे हैं इस तस्वीर ने पूरे सरकारी सिस्टम की बदनसीबी को सामने लाकर खड़ा कर दिया है साथ ही बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के मिशन 60 अभियान का मजाक भी उड़ाया है।