PATNA : नीतीश सरकार बिहार में जरूरी विकास कार्यों के लिए भले ही पैसे नहीं जुटा पा रही हो, शराब पर रोक के लिए सरकारी खजाना खोल दिया गया है. सरकार शराबियों को सजा दिलाने के लिए पूरे राज्य में 74 विशेष कोर्ट बनाने जा रही है. सरकार ने आज इसकी अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक इन कोर्ट के जजों के सिर्फ वेतन-भत्ते पर सालाना साढे 13 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे. स्पेशल कोर्ट के दूसरे खर्चों को जोड़ दें तो ये रकम 30 करोड़ से ज्यादा हो जायेगी.
शराब पर कितना पैसा खर्च करेगी सरकार
बिहार में शराब पीने-पिलाने वालों के खिलाफ तकरीबन ढ़ाई लाख केस लंबित हैं. कुछ दिन पहले हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि बड़े मामलों की सुनवाई के लिए जज नहीं हैं और कोर्ट शराब की सुनवाई में ही लगी है. इसके बाद नीतीश सरकार ने शराब से संबंधित केसों की सुनवाई के लिए 74 कोर्ट बनाने का फैसला लिया था. इन कोर्ट में सिर्फ शऱाब से संबंधित मामलों की ही सुनवाई होगी. पिछले सप्ताह गया में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कोर्ट गठन करने की मंजूरी दे गयी.
सिर्फ जजों के वेतन पर खर्च होंगे साढ़े 13 करोड़ रूपये
बिहार में शराब से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए जिन 74 कोर्ट का गठन होने जा रहा है उनके जजों के वेतन-भत्ते पर सलाना 13 करोड़ 43 लाख रूपये खर्च होंगे. सरकार ने अभी दूसरे खर्च का आकलन नहीं किया है. कोर्ट के लिए दूसरे कर्मचारी और अन्य खर्चों को जोड़े तो शराब के लिए स्पेशल कोर्ट पर सरकार हर साल 30 करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च करेगी.