बिहार में शराबबंदी का सच कुशवाहा ने बताया, बोले.. नीतीश के मकसद के साथ खड़े नहीं हैं 80 फीसदी पुलिसवाले

बिहार में शराबबंदी का सच कुशवाहा ने बताया, बोले.. नीतीश के मकसद के साथ खड़े नहीं हैं 80 फीसदी पुलिसवाले

PATNA : बिहार में शराबबंदी के बावजूद पिछले दिनों जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए अब नीतीश कुमार के इस सबसे बड़े अभियान पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार से शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग विपक्षी कर रहा है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कह चुके हैं कि वह 16 नवंबर को शराबबंदी की विस्तृत समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बात स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में हर हाल में शराबबंदी लागू रहेगी और इसकी खामियों को दूर किया जाएगा। अब मुख्यमंत्री के बाद उनकी पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सच बयान किया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी अगर सफल नहीं हो पा रही तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पुलिस वाले हैं। 


जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी के सफल नहीं होने के लिए 80 फ़ीसदी पुलिस वाले जिम्मेदार हैं कुशवाहा ने कहा है कि 80 फीस दी पुलिस वालों की शराबबंदी में कोई दिलचस्पी नहीं है शराबबंदी की मौजूदा स्थिति के लिए यह एक बड़ी वजह है कुशवा ने कहा है कि यह स्थिति तब है जब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को कामयाब बनाने के लिए जुटे हुए हैं कहां है कि पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री की तरह ही इमानदारी से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। 


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी का फैसला नीतीश कुमार ने बेहद साहसी के तरीके से लिया। शराबबंदी करना आसान काम नहीं लेकिन इसके बावजूद बिहार में हम इस पर आगे बढ़े हैं। नीतीश कुमार का संकल्प पूरे देश के लिए मिसाल बना है लेकिन मुख्यमंत्री जिस मकसद के साथ काम कर रहे हैं उसी मकसद के साथ पुलिस वालों को भी काम करना चाहिए। कुशवाहा ने सवालिया लहजे में यह भी पूछा है कि बिहार में अगर शराब की तस्करी, उसकी बिक्री और निर्माण का काम हो रहा है तो यह पुलिस वालों की जानकारी के बिना कैसे संभव है? शराबबंदी सबके लिए फायदेमंद है और इसे कामयाब बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।