शराबबंदी वाली सरकार का इंसाफ: जहरीली शराब से 15 मौत का कसूरवार है चौकीदार, 5 दिन बाद माना कि दारू से मरे लोग

शराबबंदी वाली सरकार का इंसाफ: जहरीली शराब से 15 मौत का कसूरवार है चौकीदार, 5 दिन बाद माना कि दारू से मरे लोग

NAWADA : शराबबंदी वाली सरकार ने नवादा में जहरीली शराब से 15 लोगों की मौत के मामले में इंसाफ कर दिया है. जिस गांव में जहरीली शराब से इतनी मौत हुई वहां के चौकीदार को निलंबित कर दिया है. वैसे, घटना के पांच दिन बाद सरकार ने ये माना कि जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई. लेकिन इसका कसूरवार सिर्फ एक चौकीदार निकला.


गौरतलब है कि नवादा में होली के दिन जहरीली शराब पीने से 15 लोगों की मौत हो गयी थी. पुलिस उस गांव में तब पहुंची ज्यादातर मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था. मौत के बाद पूरा सरकारी अमला ये स्वीकारने को तैयार नहीं था कि जहरीली शराब से मौत हुई है. वाकये के चार दिन बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले में कुछ क्लीयर नहीं है. इसलिए वे स्पेशल टीम को घटनास्थल पर भेज रहे हैं.


पांच दिन बाद सरकार ने जहरीली शराब की बात स्वीकारी
शनिवार को नवादा में डीएम औऱ एसपी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस किया. दोनों ने माना कि जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है. डीएम और एसपी ने कहा कि इस मामले में 15 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से सिर्फ चार लोगों का पोस्टमार्टम कराया गया है. उनके बेसरा को जांच के लिए भेजा गया है. बेसरा जांच के बाद पूरा मामला औऱ स्पष्ट हो पायेगा.


15 मौत का कसूरवार चौकीदार
नवादा के डीएम औऱ एसपी ने कहा कि इस मामले में गांव के चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है. वैसे प्रशासन ने 7 प्राथमिकी दर्ज की है. इन मामलों में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन किसी पुलिस अधिकारी या प्रशासन के दूसरे अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.


वैसे नवादा में आज बिहार के उत्पाद आयुक्त भी जांच करने पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से ही मौत होने का अंदेशा है. लेकिन बेसरा जांच के बाद बात क्लीयर हो पायेगी. उत्पाद आयुक्त ने कहा कि कार्रवाई की जा रही है. जिला पुलिस स्पेशल टीम बनाकर कार्रवाई कर रही है.


ये सुशासन का इंसाफ है
बता दें कि बिहार में किसी के घर में 10 मिलीलीटर शराब मिल जाये तो सरकार ने घर को ही जब्त करने का प्रावधान रखा है. शराब पीने या पास में रखने का जुर्म AK-47 जैसे हथियार रखने से भी बड़ा जुर्म है. हथियार बरामद होने पर सिर्फ पांच साल की सजा होगी लेकिन दस मिलीलीटर शराब की सजा दस साल है. सरकार ने प्रावधान कर रखा है कि किसी थाना क्षेत्र में अगर शराब की बिक्री होती पायी गयी तो वहां के थानेदार पर कार्रवाई के साथ साथ उसे दस साल के लिए थानेदारी से बैन कर दिया जायेगा. सरकार ने शराब के लिए हर जिले में स्पेशल कोर्ट बिठा रखा है.


शराबबंदी के लिए ये सब कर रही सरकार की नाक तले जहरीली शराब से सिर्फ होली में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गयी. सिर्फ नवादा में 15 लोगों की मौत हुई. लेकिन पुलिस के एक सिपाही तक को सस्पेंड नहीं किया गया है. सरकार पहले तो ये मानने से ही इंकार करती रही कि जहरीली शराब से मौत हुई है लेकिन मृतकों के परिजन चीख चीख कर कह रहे थे कि गांव में बनायी जा रही शराब पीने से ही मौत हुई. मजबूरन सरकारी अमले को मानना पड़ा कि जहरीली शराब से ही मौत हुई है.