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1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 Jul 2022 06:14:15 AM IST
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PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे को लेकर भले ही आज बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उत्साहित हों लेकिन हकीकत यह है कि बिहार में बीजेपी का कैडर उदासीन हो चुका है। दरअसल बिहार में सत्ताधारी दल होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उदासीनता की बड़ी वजह है नीतीश कुमार का नेतृत्व है। नीतीश कुमार के नेतृत्व और जनता दल यूनाइटेड के रवैए के कारण बीजेपी के कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद जेडीयू सरकार को लीड कर रही है और बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद नीतीश कुमार की पिछलग्गू बनी हुई है। नीतीश कुमार का नेतृत्व और कामकाज करने का तरीका ऐसा है जिससे बीजेपी कार्यकर्ताओं को बार-बार उपेक्षित महसूस होना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को बिहार में पार्टी और संगठन की जमीनी स्थिति की जानकारी नहीं है। यह फीडबैक लगातार पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को मिल रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व की वजह से संगठन में सुस्ती छा गई है। लिहाजा अब इस सूची को दूर करने के लिए बीजेपी ने प्लान तैयार किया है।
बिहार में अभी चुनाव नहीं है, लोकसभा का चुनाव भी दो साल बाद होना है। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिवेट करने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है। बीजेपी ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों को लेकर प्लान बनाया है। नेतृत्व ने तय किया है कि सभी विधानसभा सीटों पर पार्टी के पदाधिकारी 48 घंटे का प्रवास करेंगे। इसके लिए आगामी 28 और 29 जुलाई की तारीख तय की गई है। यह प्लान राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बना है। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जो पिछले दिनों बिहार को लेकर सक्रिय हुए हैं, उन्हीं के साथ मंथन के बाद यह प्लान एक्टिवेट किया गया है। मकसद है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एक्टिव हो जाए। इस दौरान बीजेपी के एजेंडे के साथ-साथ केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में प्रचार प्रसार करने का जिम्मा पार्टी के पदाधिकारियों को दिया गया है। 48 घंटे के प्रवास के दौरान पार्टी के नेता जनता के साथ सीधा संवाद बनाएंगे।
प्रवास कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता पार्टी बिहार में दो मोर्चों पर निशाना साधना चाहती है। पहला संगठन के अंदर छाई सुस्ती को दूर किया जाए, दूसरे और विधानसभा क्षेत्रों में जनता के बीच पैठ बनाई जा सके जहां अब तक भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल नहीं कर पाई है। देखा जाए तो बीजेपी लंबे वक्त के लिए प्लानिंग करके चलने वाली पार्टी है। उसने सोच समझकर यह पूरा प्लान तैयार किया है। देखना होगा कि इस प्लान के एक्टिवेट होने से जनता दल यूनाइटेड में बेचैनी बढ़ती है या नहीं खासतौर पर विधानसभा क्षेत्रों में जहां अभी जेडीयू के विधायक हैं।